वाराणसी में संत रविदास जयंती पर किसी राजनेता को न्योता नहीं, चार ट्रक सूखी लकड़ियों पर बनेगा लंगर
सीर गोवर्धनपुर में पंजाब और यूपी चुनाव को लेकर जहां सरगर्मी है वहीं रविदास जयंती में किसी भी नेता के आने की संभावना बनी हुई है। इसको लेकर प्रशासन भी सतर्कता बरतने के साथ तैयारियों पर नजर बनाए है।
वाराणसी, जागरण संवाददाता। संत रविदास जयंती की तैयारियों के मद्देनजर सोमवार की दोपहर एडीएम सिटी ने, मंदिर, मेला क्षेत्र, कार्यक्रम स्थल, पंडाल, लंगर हाल आदि का निरीक्षण किया। इसके बाद एडीएम सिटी ने जलकल, नगर निगम, बिजली विभाग, फायर स्टेशन, पुलिस अधिकारियों संग मंदिर के वीआइपी हाल में बैठक कर समस्याओं के समाधान पर वार्ता की। एडीएम सिटी ने इस दौरान सफाई ,सीवर और सुरक्षा व्यवस्था को देखते हुए सभी बिंदुओं पर गहन चर्चा की। इस दौरान मंदिर प्रबंधन की तरफ से ट्रस्टी के एल सरोये ने जयंती में होने वाली भीड़ और कार्यक्रम की जानकारी के साथ ही जयंती की व्यवस्था पर चर्चा की। बैठक में मुख्य रूप से जलकल के जीएम, नगर निगम के अधिकारी, स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी, एलआईयू और पुलिस अधिकारी मौजूद रहे।
चुनावी मौसम में आ सकता है कोई भी नेता : पंजाब और यूपी चुनाव को लेकर जहां सरगर्मी है वहीं रविदास जयंती में किसी बड़े नेता के आने की संभावना बनी हुई है। इसको लेकर प्रशासन भी सतर्कता बरतने के साथ तैयारियों पर नजर बनाए है। ट्रस्टी के एल सरोये ने कहा कि चुनाव आचार संहिता के कारण किसी भी पार्टी को निमंत्रण नही दिया गया है। यहां मंदिर और आस्था के किसी का भी स्वागत है।
खराब मौसम ने बढ़ाई रैदासियों की चिंता : संत रविदास जयंती जैसे जैसे नजदीक आ रही है रैदासियों की चिंता बढ़ती जा रही है। सबसे बड़ी समस्या कोरोना महामारी के नियमों के अनुरूप तैयारी और ऐसे ही समय मे पंजाब चुनाव के कारण सेवादारों की संख्या भी कम हो सकती है। इसी बीच खराब मौसम और बरसात के कारण मंदिर प्रबंधन और ट्रस्टी चिंतित हैं। ट्रस्टी के एल एन सरोये ने बताया कि बरसात होने के कारण पंडाल परिसर और कार्यक्रम स्थल पर पानी और कीचड़ हो गया है जिससे आने जाने और सामान ले जाने में समस्या हो रही है।पंडाल की तरफ जाने वाले रास्ते पर जल जमाव की कीचड़ हो गया है।
तैयारियों के लिए सेवादारों का इंतजार : सीरगोवर्धन पुर में रविदास जयंती की तैयारियां बिना सेवादारों के अधूरी रहती है। महीने के अंत तक सेवादारों का जत्था मंदिर पहुंचेगा जिसके बाद तैयारियां काफी तेज हो जाएंगी । सेवादार आते ही अपने अपने काम बांटकर जगह जगह लग जाते हैं जिसके बाद जयंती की रौनक भी बढ़ जाती है।
मध्यप्रदेश से आई चार ट्रक लकड़ी : रविदास जयंती में चलने वाले लंगर के लिए काफी मात्रा में खाद्यान्न आ चुके हैं जबकि चार ट्रक जलवान की लकड़ी मध्यप्रदेश से मंगाई गई है। लकड़ी काटने के लिए मशीन भी लगी हुई है जिसे सेवादार ही काटते हैं। बरसात होने के कारण खुले में रखी लकड़ियां भी भीग रही हैं।