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दलालों का मायाजाल, बर्थ बेच हो रहे मालामाल, दीपावली और छठ पर्व पर अधिकांश ट्रेनों में नो रूम की स्थिति

इस त्योहारी सीजन में बर्थ आरक्षित कराने के लिए मची मारामारी के बीच दलाल कंफर्म टिकट देने का दम भर रहे हैं।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Wed, 23 Oct 2019 11:01 AM (IST)Updated: Wed, 23 Oct 2019 11:01 AM (IST)
दलालों का मायाजाल, बर्थ बेच हो रहे मालामाल, दीपावली और छठ पर्व पर अधिकांश ट्रेनों में नो रूम की स्थिति
दलालों का मायाजाल, बर्थ बेच हो रहे मालामाल, दीपावली और छठ पर्व पर अधिकांश ट्रेनों में नो रूम की स्थिति

वाराणसी, जेएनएन। दीपावली पर्व नजदीक आने साथ ही शुरू हो चुकी है रेल टिकटों की कालाबाजारी। इस त्योहारी सीजन में बर्थ आरक्षित कराने के लिए मची मारामारी के बीच दलाल कंफर्म टिकट देने का दम भर रहे हैं। मनचाही बर्थ के बदले टिकट मूल्य से तीन गुना ज्यादा रकम मांगी जा रही है। जुगाड़ के बावजूद बर्थ की उम्मीद टूटने पर लोग दलालों की शरण में पहुंच रहे। ऐसे लोगों की तादाद हजारों में है, जो दीपावली पर्व अपनों संग मनाने के लिए टिकट के लिए दलालों की मदद ले रहे, ताकि उन्हें कन्फर्म सीट मिल सके। 

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120 दिन पूर्व ही फुल हो गईं कई ट्रेनें 

दीपावली 27 अक्टूबर तो छठ महापर्व दो नवंबर को पड़ रहा है। दोनों ही पर्व अपनों संग मनाने के लिए 120 दिन पूर्व ही लोगों ने घर वापसी के टिकट करा लिए। एक-दो दिन चूके लोग आरक्षण पाने से वंचित रह गए। अब उनके लिए दलालों का ही सहारा बचा है। सात नवंबर तक ट्रेनों में बर्थ की गुंजाइश न होने से जबर्दस्त मारामारी है। 

यूं करते दलाल टिकटों में खेल 

टिकट दलाल अपने निजी परिचय पत्र से टिकट बुक कराते हैं। उनके पास विभिन्न नाम से बड़ी संख्या में ट्रेनोंं के आरक्षित टिकट होते हैं। शार्ट नाम से टिकट ज्यादा बनाने का प्रचलन है। मसलन, एन कुमार, इससे सैकड़ों लोगों का काम चल जाएगा। दलाल, इसी जुगाड़ से कमाई का रास्ता ढूंढ निकाल लेते हैं। कई लोग पहले से सफर का विवरण भरे रहते हैं, साइट खुली तो एक क्लिक किया और टिकट कंफर्म। साइबर एक्सपर्ट सिस्टम को फास्ट कर लाइन में लगे लोगों को निराश कर देते हैं। 

दलाल से टिकट लेना अपराध

अनाधिकृत व्यक्ति से आरक्षित टिकट खरीदना अपराध की श्रेणी में आता है। कोई अनहोनी हुई तो परिजनों को मुश्किल भी उठानी पड़ती है। सरकार और रेलवे को मुआवजा समेत दूसरी सुविधाएं देने से बचने का रास्ता मिल जाता है।

आरपीएफ आइआरसीटीसी से ले रही क्लू 

आरपीएफ अलर्ट है। टिकट दलालों तक पहुंचने को आइआरसीटीसी से क्लू ले रही है। असल में आइआरसीटीसी (इंडियन रेलवे कैटङ्क्षरग टूरिज्म) ने टिकट बुक करने को कई एजेंट बना रखे हैं। यह संस्था भी आरक्षण पर निगरानी रखती है। गड़बड़ी की आशंका पर सुरक्षा इकाइयों को सूचना देती है, जिस पर धंधेबाज पकड़े भी जाते हैं।    


बोले अधिकारी : रिमोट एरिया में ज्यादा खेल होता है। इस पर अंकुश को टीम पहले से ही गठित है। 14 लोग पकड़े जा चुके हैं। उनसे पूछताछ में मिले क्लू के जरिये औरों तक पहुंचने के प्रयास में टीम हैं। रेल मंडल के छपरा, सिवान में ज्यादा लोग हाथ आए हैं। - ऋषि पांडेय, कमांडेंट आरपीएफ।  


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