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पीएम के गोद लिए गांवों में किसानों की आय दोगुना करने पहुंचा नीति आयोग

वाराणसी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने नीति आयोग की टीम उनके गोद लिए गांवों में मिट्टी की जांच करने पहुंची।

By JagranEdited By: Published: Sun, 13 May 2018 05:19 PM (IST)Updated: Sun, 13 May 2018 05:19 PM (IST)
पीएम के गोद लिए गांवों में किसानों की आय दोगुना करने पहुंचा नीति आयोग
पीएम के गोद लिए गांवों में किसानों की आय दोगुना करने पहुंचा नीति आयोग

जासं, वाराणसी (मिर्जामुराद) : प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा 2022 तक किसानों की आय दोगुना करने का जो संकल्प लिया गया है, उसे पूरा करने हेतु रविवार को नीति आयोग व आईसीएआर की संयुक्त टीम रविवार को प्रधानमंत्री द्वारा गोद लिए गए आदर्श गाव नागेपुर व जयापुर में पहुंची। टीम ने दोनों गाव में ग्रिड सिस्टम के तहत 13 किसानों के खेतों की मिट्टी के नमूने लेने के साथ ही किसानों से संवाद कर उनके रुझान लिए। टीम के सदस्य मिट्टी के नमूने को पुन: जाचने हेतु दिल्ली ले जाएंगे। दिल्ली में मिट्टी की पुन: जाच होगी।

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नीति आयोग की टीम में डा.श्वेतल वानखेड़े तथा आईसीएआर (राष्ट्रीय मृदा सर्वेक्षण एवं भूमि उपयोग नियोजन ब्यूरो, नई दिल्ली के वैज्ञानिक अशोक कुमार व विकास तथा तकनीकी सहायक शिवकुमार की टीम आदर्श गाव नागेपुर व जयापुर में पहुंची।टीम ने ग्रिड सिस्टम से नागेपुर के सर्वजीत पटेल, बैजनाथ मौर्या, खँझाटी यादव, पंचम पटेल, मुरली पटेल व सुरेश पटेल नामक छह किसानों के खेत की मिट्टी को खोद नमूना लिए। इसके बाद जयापुर गाव में पहुंच टीम ने रामलाल वर्मा, सियाराम, हीरामन, मोती, जयप्रकाश, सुभाष व हीरालाल नामक सात किसानों के खेतों से मिट्टी के नमूने लिए। नीति आयोग की सदस्य ने चिलचिलाती धूप में खेत की पगडंडियों पर बैठ किसानों से मृदा स्वास्थ्य कार्ड के साथ ही पिछले एक वर्ष में होने वाले लाभ-हानि व खाद-बीज के बाबत विस्तृत बातचीत की और खेती के प्रति किसानों के रुझान व उससे होने वाली आमदनी को जाना। वैज्ञानिकों ने बताया कि मिट्टी जाच के बाद खेत की मिट्टी में किस तत्व की कमी या कौन तत्व अधिक है उसी अनुसार खाद का प्रयोग कर फसल व सब्जी कर कम लागत में अधिक उत्पादकता की खेती करने की सीख दी।राज्य सरकार द्वारा जाच कर दिए गए कार्ड रिपोर्ट की केंद्र सरकार की टीम द्वारा मिलान किया जाएगा। वैज्ञानिकों ने बताया कि यह जाना जा रहा है कि मृदा स्वास्थ्य कार्ड से किसानों को फायदा हुआ या नही, भविष्य में कितना लाभ होगा। किसानों की आय कैसे दोगुनी होगी। टीम ने भूजल स्तर के बाबत भी जानकारी ली।

टीम संग वाराणसी के सहायक निदेशक मृदा परीक्षण राजेन्द्र प्रसाद मौर्य, अवधेश सिंह, रामजीत त्रिपाठी, शैलेश कुमार समेत किसान मौजूद रहे।

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अंगूठाछाप हूं तो कैसे पढूं हेल्थकार्ड

आदर्श गाव नागेपुर में नीति आयोग की सदस्य ने जब किसान सुरेश पटेल से भिंडी के खेत मे कहा कि अपना हेल्थकार्ड पढ़ के बताओ कि आपके खेत की मिट्टी में क्या कमी है, तो उसने कहा साहब हम त अनपढ़ अंगूठाछाप हई। इसके बाद वैज्ञानिको ने पूछा तब फिर कार्ड का कैसे प्रयोग करते हो तो किसान ने बताया कि बच्चे पढ़े-लिखे है, वे ही कार्ड पढ़ने के बाद उसी अनुसार बाजार से खाद लाते है। इस बार खेत में कम खाद पड़ा और फसल अच्छी हुई।

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मिट्टी जाच से बहुत फायदा

आदर्श गाव जयापुर के रामलाल वर्मा ने टीम के सदस्यों को बताया कि मिट्टी जाच करा खेती करने से फायदा हो रहा है।उन्होंने बताया कि जाच में पता चला कि मिट्टी में क्या कमी है। सब्जी की खेती में गोबर की जैविक खाद का भी प्रयोग करता हूं।


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