एनएचएआइ की उदासीनता, बर्बाद हो रही करोंड़ों की सड़क, भारी वाहन गुजरने से उखड़ गई हैं आस-पास की सड़कें
यह जिम्मेदारों की उदासीनता नहीं तो और क्या है कि बाढ़ के दौरान कठवामोड़ स्थित बेसो नदी के पुल के बगल से होकर गुजरने वाले रास्ते को अब तक न खोला जा सका।
गाजीपुर, जेएनएन। यह जिम्मेदारों की उदासीनता नहीं तो और क्या है कि बाढ़ के दौरान कठवामोड़ स्थित बेसो नदी के पुल के बगल से होकर गुजरने वाले रास्ते को अब तक न खोला जा सका। इसके बाद से ही सभी भारी वाहन अन्य मार्गों से होकर आ-जा रहे हैं, जो भारी वाहन के लिए बने ही नहीं हैं। इसके कारण करोंड़ों की लागत से बनी ऐसी सड़कें समय से पहले उखड़ गई हैं। इतना सब होने के बावजूद एनएचएआइ की उदासीनता के कारण अभी तक मरम्मत नहीं हो सका है।
कठवामोड़ पुल के मरम्मत में देरी होने पर लोगों को परेशानी तो ही रही है, वहीं बनी बनाई करोड़ों की सड़कों को भी इसका मार झेलना पड़ रहा है। एनएचएआइ की उदासीनता पीडब्ल्यूडी को भारी पड़ रहा है। इतना ही नहीं इस संबंध में स्थानीय एनएचएआइ के अधिकारियों से उच्चाधिकारियों को अवगत कराने के साथ शीघ्र मरम्मत शुरू कराने के लिए कई बार पत्राचार भी किया, लेकिन इसका कोई मतलब नहीं निकला। अगर स्वीकृति मिल जाए तो दस दिनों के अंदर ही इसका कार्य पूरा लिया जाएगा। इसके कारण करीब चार करोड़ की लागत से बना मरदह-कासिमाबाद मार्ग जगह-जगह उखड़ गया, जिसपर चलना खतरे से खाली नहीं है। इतना सब होने के बावजूद एनएचएआइ उदासीन बना हुआ है। एनएचएआइ के तकनीकी प्रबंधक वीपी सिंह ने कहा कि स्वीकृति मिल जाए तो 10 दिनों में कार्य पूर्ण कर लिया जाएगा। स्थानीय सहित उच्चाधिकारियों की ओर से भी मुख्यालय को अवगत करा दिया गया है। उम्मीद ही जल्द ही स्वीकृति मिल जाएगी।