डिजिटल मैपिंग में मिलीं नगर निगम की नई संपत्तियां,1882 के सापेक्ष 2165 प्रापर्टीज
वाराणसी में संस्थागत विकास कार्यक्रम के तहत शहर में डिजिटल मैपिंग व जियो टैगिंग का काम चल रहा है। इसकेजरिए पूरे शहर के बारे में आसानी से पता किया जा सकेगा।
वाराणसी, (जेएनएन)। संस्थागत विकास कार्यक्रम के तहत शहर में डिजिटल मैपिंग व जियो टैगिंग का काम चल रहा है। भविष्य में भौगौलिक सूचना प्रणाली से पोर्टल विकसित हो जाने पर पूरे शहर के बारे में आसानी से पता किया जा सकेगा। इससे जमीन के अंदर भी पाइपलाइन आदि का पता लग जाएगा। इस कार्य के लिए सबसे पहले चुने गए वार्ड नंबर 57 डिठोरीमहाल में सर्वे का काम पूरा हो चुका है। जलकल में कार्यरत जापानी संस्था जायका ने इसके डेटा नगर निगम को सौंप भी दिए हैं।
वहीं चार वार्डाें में का अंतिम चरण में चल रहा है। डिठोरी महाल में सर्वे के दौरान चौंकाने वाली जानकारी सामने आई। यहां रिकार्ड में नगर निगम की 1882 संपत्तियां हैं जबकि सर्वे में 2165 दर्ज की गई। ऐसे में भविष्य में बड़ी संख्या में गुम संपत्तियां सामने आने की उम्मीद है। मौजूदा समय में शिवपुर व पांडेयपुर में सर्वे का काम शुरू हुआ है। मैपिंग का काम दिसंबर 2019 तक पूरा करना है। सभी 90 वार्डाें का डेटा संकलित होने के बाद नगर निगम की वेबसाइट से पोर्टल को जोड़ दिया जाएगा। इससे कोई भी शहर के किसी भी क्षेत्र के बारे में संपूर्ण जानकारी प्राप्त कर सकेगा। इसे गूगल मैप से भी जोड़ने की योजना है।
एक प्लेटफार्म पर संपूर्ण जानकारी : मैपिंग का काम पूरा हो जाने के बाद पोर्टल पर वार्ड में मकानों की संख्या, फोटो, मालिक का नाम, बिजली-पानी कनेक्शन, सार्वजनिक शौचालय, पार्क, स्ट्रीट लाइट आदि की जानकारी एक प्लेटफार्म पर उपलब्ध रहेगी। इसके अलावा जमीन के अंदर कहां बिजली की केबल, पाइपलाइन, गटर, सीवर, फोन लाइन आदि इंटरनेट के जरिए देखा जा सकेगा। इससे विकास योजनाओं को बनाने में सहूलियत होगी।