Covid 19 के दोहराव से बचा रही न्यूट्रिलाजिंग एंटीबाडीज, रिपीट कोरोना का पूर्वांचल में एक मामला
पूर्वांचल में अब तक ऐसा केवल एक ही मामला दर्ज किया गया है। माना जा रहा है कोरोना संक्रमण से मुक्त होने के बाद लोगों में भरपूर न्यूट्रिलाइजिंग एंटीबाडीज बनने से बचाव हो रहा है। बीएचयू में पोस्ट कोविड वार्ड की कवायद भी शुरू हो गई है।
वाराणसी, जेएनएन। ठंडी में कोरोना संक्रमण के मामलों में एक बार फिर उछाल आने की आशंका जताई जा रही है। वहीं देश के कई राज्यों में आ रहे रिपीट कोरोना के मामलों ने स्वास्थ्य महकमे की चिंता बढ़ा दी है। पूर्वांचल में अब तक ऐसा केवल एक ही मामला दर्ज किया गया है। माना जा रहा है कोरोना संक्रमण से मुक्त होने के बाद लोगों में भरपूर न्यूट्रिलाइजिंग एंटीबाडीज बनने से बचाव हो रहा है। इसके बावजूद कोरोना संक्रमण से ठीक होने वाले मरीजों को कुछ दिन तक विशेष एहतियात बरतने की सलाह दी जा रही है। वहीं इसके लिए बीएचयू में पोस्ट कोविड वार्ड की कवायद भी शुरू हो गई है।
सीएमओ डा. वीबी सिंह के मुताबिक जुलाई में निगेटिव आ चुके आजमगढ़ के डा. इम्तियाज दोबारा संक्रमण की जद में आ गए थे। बाद में लखनऊ के एक निजी चिकित्सालय में इलाज के दौरान उनकी मौत भी हो गई। ऐसे में कोरोना से ठीक होने वाले गंभीर मरीजों के स्वास्थ्य को लेकर महकमा अलर्ट है। बुधवार को बीएचयू के विशेषज्ञ डाक्टरों व एमएस प्रो. एसके माथुर संग इन्हीं सब मुद्दों पर बैठक भी की गई। इसमें कोरोना के गंभीर मरीजों के ठीक होने की दर, स्वस्थ होने के बाद पेश आने वाली समस्याएं सहित निदान पर चर्चा हुई। वहीं कोरोना संक्रमण के दोहराव से बचाव के लिए बीएचयू अस्पताल में पोस्ट कोविड वार्ड की जरूरत पर बल दिया जा रहा है।
न्यूट्रिलाइजिंग एंटीबाडीज कम बनने से बढ़ रहे रिपीट केस
चिकित्सा विज्ञान संस्थान, बीएचयू स्थित मालीक्यूलर बायोलाजी यूनिट के विभागाध्यक्ष प्रो. सुनीत कुमार ङ्क्षसह के मुताबिक भारत ही नहीं अन्य देशों में कोरोना के रिपीट केस बढऩे की मुख्य वजह न्यूट्रिलाइजिंग एंटीबाडी का न बनना है। आरएनए (राइबो न्यूक्लिक एसिड) वायरस में म्यूटेशन अधिक होता है, मगर अन्य आरएनए वायरस के मुकाबले कोरोना के स्वरूप में बदलाव कम देखने को मिल रहा हैं। कोरोना संक्रमण के रिपीट मामले आने की असल वजह न्यूट्रिलाइजिंग एंटीबाडीज का कम बनना या न बनना है।