लापरवाही : सड़क के नीचे दबा दिया मैनहोल का ढक्कन, 150 किमी लंबे सीवर नेटवर्क में बनाए 4500 मैनहोल
इसे विभागों में सामंजस्य का अभाव कहें या लापरवाही। कार्यदाई संस्था पिछले तीन महीने से अपने सीवर नेटवर्क के ढक्कन खोज रही है।
वाराणसी, जेएनएन। इसे विभागों में सामंजस्य का अभाव कहें या लापरवाही। कार्यदाई संस्था पिछले तीन महीने से अपने सीवर नेटवर्क के ढक्कन खोज रही है। ट्रांस वरुणा की सीवरेज समस्या के निदान के लिए 110 एमएलडी एसटीपी के साथ करीब 150 किमी लंबी सीवर पाइपलाइन बिछाई गई थी। डेढ़ सौ किमी में 4500 छोटे बड़े मैनहोल बनाए गए जिससे कि समय-समय पर पाइपलाइन की साफ सफाई का काम सुचारू ढंग से किया जा सके। लेकिन, अब इन ढक्कनों को खोजने में कार्यदाई संस्था को काफी मशक्कत करनी पड़ रही है।
कारण है कि सड़क के साथ इन मैनहोल के ढक्कनों को भी ढक दिया गया। जबकि नियमानुसार सड़क निर्माण के समय मैनहोल की ऊंचाई भी बढ़ाई जानी चाहिए थी। लेकिन, सड़क बनाने वाली संस्था ने इस बात को नजर अंदाज करते हुए सभी मैनहोल के ढक्कन के ऊपर से सड़क बना दी। यही नहीं कई स्थानों पर पाइपलाइन के ऊपर से डिवाइडर बना दिये गए हैं जिससे कि आधा मैनहोल सड़क के इस ओर आधा दूसरी ओर हो गया है।
नजीर के तौर पर भोजूबीर सिंधोरा रोड पर सड़क के बीचोबीच सीवर की पाइपलाइन बिछाई गई थी। उसी के ऊपर डिवाइडर बना दिया गया है।
गंगा प्रदूषण नियंत्रण इकाई के प्रोजेक्ट मैनेजर एसके रंजन के अनुसार ट्रांस वरुणा में करीब 4500 मैनहोल बनाए गए हैं। जो मैनहोल कालोनियों व मोहल्लों में हैं वहां तो गनीमत है। लेकिन पीडब्ल्यूडी वाली सड़कों पर मैनहोल पूरी तरह से ढक दिये गए हैं। इसी कारण से सीवर सफाई में बाधा आ रही है। मैनहोल को सड़क के स्तर तक लाने की जिम्मेदारी सड़क बनाने वाली संस्था की होती है। फिलहाल मैनहोल को उंचा कराने का काम अपने स्तर से किया जा रहा है। इस बाबत पीडब्ल्यूडी को सूचित कर दिया गया है कि भविष्य में वे इसका ध्यान रखें।