गंगा का जलस्तर उफान पर, बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में एनडीआरएफ की टीम मुस्तैद Varanasi news
गंगा और वरुणा का जलस्तर चेतावनी बिंदु पार करने के बाद तटीय इलाकों में लोगों के घरों में पानी घुस गया है।
वाराणसी, जेएनएन। गंगा और वरुणा का जलस्तर चेतावनी बिंदु पार करने के बाद तटीय इलाकों में लोगों के घरों में पानी घुस गया है। तटीय इलाकों के लोग बाढ़ में सहमे दिख रहे हैं। शहर और ग्रामीण क्षेत्रों में रविवार को कई लोग बाढ़ में फंस गए। घरों की छत ही लोगों ने शरण ली। ऐसे में एनडीआरएफ की टीम को सूचना मिली कि वरुणा नदी के पुराने पुल के पास एक मकान में दो महिलाएं व एक पुरुष छत पर शरण लिए हुए हैं।
बाढ़ के कारण वे नीचे नहीं उतर पा रहे हैं। सूचना मिलते ही एनडीआरएफ की 15 सदस्यीय टीम तत्काल रवाना हो गई। निरीक्षक अमोल कुमार के नेतृत्व में 11 एनडीआरएफ की टीम दो मोटर बोट और अन्य राहत व बचाव उपकरणों के साथ क्षेत्र में पहुंची। टीम ने दोनों महिलाओं और एक वृद्ध पुरुष को मोटर बोट की सहायता से बाहर निकाल कर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया। वहीं बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में एनडीआरएफ की टीम राहत सामग्री बांट रही है। वाराणसी में गंगा के बढ़ते जलस्तर के कारण वरुणा नदी के बहाव में रुकावट से निचले क्षेत्रों में जलजमाव की स्थिति उत्पन्न हो गई है। गंगा के बढ़ते जलस्तर को देखते हुए एनडीआरएफ की टीमें यहां की स्थिति पर नजर बनाए हैं। एनडीआएफ की टीम किसी भी आपातकालीन स्थिति से निबटने के लिए तैयार है।वहीं वाराणसी स्थित 11 एनडीआरएफ की टीम को राहत व बचाव सामग्री समेत मोटर बोट के साथ अन्य जिलों में भी तैनात कर दिया गया है।
बाढ़ चौकियों पर 24 घंटे ड्यूटी देंगे बीट इंचार्ज : गंगा और वरुणा का जल स्तर तेजी से शहरी और ग्रामीण क्षेत्र के रिहायसी बस्ती में घुस रहा है। इसके बावजूद नगर के बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों के बारे में नगर निगम के अपर नगर आयुक्त सुमित कुमार को जानकारी ही नहीं है और न ही कोई कार्ययोजना है। इसी प्रकार अवर अभियंता बंधी प्रखंड द्वारा अभी तक बाढ़ के संबंध में कोई संतोषजनक कार्रवाई न किए जाने पर रमना में बांध टूटने की आशंका है। इसको गंभीरता से लेते हुए जिलाधिकारी सुरेंद्र सिंह ने दोनों अधिकारियों को प्रतिकूल प्रविष्टि देने का आदेश दिया है। जिलाधिकारी रविवार को अपने कैंप कार्यालय में अधिकारियों के साथ बैठक कर रहे थे। गंगा के जलस्तर को देखते हुए सभी को अलर्ट रहने के लिए कहा गया है। साथ ही निर्देश दिया कि प्रत्येक बाढ़ चौकी पर बीट इंचार्ज नियुक्त किए जाएं। वे 24 घंटे ड्यूटी पर तैनात रहें।
डीएम ने अधिकारियों से कहा कि ग्रामीण क्षेत्रों में खतरे की आशंका को देखते हुए डुगडुगी पिटवाई जाए। राहत कैंप में अधीक्षण अभियंता बिजली की पर्याप्त व्यवस्था करवाएं। सभी विभागों के एक अधिकारी ड्यूटी कंट्रोल रूम में मौजूद हो। राहत कैंप में खाने-पीने का पूरा इंतजाम हो। कहा कि समस्त अधिकारी फोन खुले रखें। मजिस्ट्रेट अपने साथ जैकेट, टार्च आदि रखें। सभी विभागों के जिम्मेदार अधिकारियों के नंबर पेपर अंकित कराकर बाढ़ चौकी एंव कंट्रोल रूम में उपलब्ध करा दिया जाए। बैठक में एडीएम वित्त एवं राजस्व, एसपी ग्रामीण, अपर नगर आयुक्त व उपजिलाधिकारी मौजूद रहे।