एनडीडीबी ने पराग डेयरी में बढ़ाई दूध की धार, मार्च तक 30 हजार लीटर उत्पादन करने का लक्ष्य
रामनगर पराग डेयरी में भी दूध की धार बढ़ाई है। पहले बाजार में पांच हजार लीटर प्रतिदिन दूध की मांग होती थी लेकिन अब दस हजार लीटर हो गई है। वहीं तीन हजार लीटर प्रतिदिन की आवक होने वाला दूध अब साढ़े 18 हजार लीटर तक पहुंच गया है।
वाराणसी, जागरण संवाददाता। झारखंड, राजस्थान सहित अन्य राज्यों में घाटे में चल रही पराग डेयरियों को पटरी पर लाने वाली नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड (एनडीडीबी) डेयरी ने रामनगर पराग डेयरी में भी दूध की धार बढ़ाई है। पहले बाजार में पांच हजार लीटर प्रतिदिन दूध की मांग होती थी, लेकिन अब दस हजार लीटर हो गई है। वहीं तीन हजार लीटर प्रतिदिन की आवक होने वाला दूध अब साढ़े 18 हजार लीटर तक पहुंच गया है। दो माह में ही एनडीडीबी की मेहनत रंग लाने लगी है। मार्च तक 25 से 30 हजार लीटर उत्पादन करने का लक्ष्य रखा गया है।
वर्ष 1986 में पराग डेयरी को स्थापित किया गया था। इतने समय में कभी भी ऐसा वक्त नहीं आया था कि दूसरी कंपनी डेयरी के कार्य को संभालें, लेकिन पिछले कुछ वर्षों में दो लाख लीटर प्रतिदिन की आवक घटकर तीन हजार लीटर तक पहुंच गई थी।ऐसा कर्मियों की कमी को माना जा रहा था। इसके अलावा अत्याधुनिक मशीनों को चलाने के लिए टेक्नीशियन भी नहीं थे। डेयरी को घाटे से उबारने के लिए एनडीडीबी को बागडोर सौंपी गई है। एनडीडीबी भारत सरकार की एजेंसी है। देश में किसी भी पराग डेयरी में दिक्कत होने पर उसका समाधान नेशनल डेयरी डेवलपमेंट बोर्ड ही करती है। मंदी की मार झेल रही डेयरी को एनडीडीबी ने लाभ दिलाना शुरु कर दिया है।
संचालित हुई नयी 113 एजेंसियां : वाराणसी, चंदौली, जौनपुर, भदोही व गाजीपुर में 350 दूध एजेंसियां सक्रिय हैं। इन एजेंसियों के यहां से ही दूध की आवक पराग डेयरी में होती है। एजेंसी पशुपालकों से दूध लेती है। एनडीडीबी दूध एजेंसियों को भी मजबूत करने की दिशा में काम कर रही हैं और पशुपालकों से भी संपर्क कर डेयरी से जुड़ने का आह्वान का ही नतीजा है कि पिछले एक माह में ही बंद व नयी एजेंसी को मिला कर कुल 113 एजेंसियों को शुरु कराया गया।
हर तीन दिन पर दूध जाता है कानपुर : पराग डेयरी में आने वाले उत्पादन दूध को मांग के अनुसार खपने के बाद सात से आठ लीटर दूध की बचत होती है। बचे दूध का स्टाक किया जाता है। 20 हजार लीटर दूध होने पर टैंकर से दूध को कानपुर स्थित टेस्टी डेयरी में भेजा जाता है। वहां दूध का पाउडर बनाया जाता है। अभी स्थानीय डेयरी में यह व्यवस्था नहीं है।
बोले अधिकारी : दो माह में दूध का उत्पादन व आवक बढ़ा है। मार्च से 25 से 30 हजार लीटर उत्पादन करने का लक्ष्य है। - सुनील सिन्हा, एमडी पराग रामनगर।