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आजमगढ़ में ट्रिपल मर्डर केस के आरोपित नजीरुद्दीन को फांसी, हत्‍या से पहले मां-बेटी संग किया था दुष्‍कर्म

मुबारकपुर थाना क्षेत्र के इब्राहिमपुर मोहल्ले में 24 नवंबर की रात हुए तिहरे हत्याकांड के आरोपित नजीरुद्दीन उर्फ पौआ को अदालत ने शुक्रवार को फांसी की सजा सुनाई। इस अनसुलझी घटना का राजफाश पुलिस ने एक बाद ही जब किया जो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए थे।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Fri, 26 Mar 2021 04:25 PM (IST)Updated: Fri, 26 Mar 2021 05:41 PM (IST)
आजमगढ़ में ट्रिपल मर्डर केस के आरोपित नजीरुद्दीन को फांसी, हत्‍या से पहले मां-बेटी संग किया था दुष्‍कर्म
नजीरुद्दीन उर्फ पौआ को अदालत ने शुक्रवार को फांसी की सजा सुनाई।

आजमगढ़, जेएनएन। मुबारकपुर थाना क्षेत्र के इब्राहिमपुर मोहल्ले में 24 नवंबर 2019 की रात हुए तिहरे हत्याकांड के आरोपित नजीरुद्दीन उर्फ पौआ को अदालत ने शुक्रवार को फांसी की सजा सुनाई है। इस अनसुलझी घटना का राजफाश पुलिस ने एक बाद ही जब किया जो चौंकाने वाले तथ्य सामने आए थे। जिस मकान में घटना हुई थी वह कस्बे से दूर होने की वजह से वारदात की जानकारी समय से नहीं हो सकी।

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तिहरे हत्याकांड का पुलिस ने खुलासा किया तो पता चला कि आरोपित युवक ने हमले में घायल पत्नी व उसकी दस वर्षीय बेटी के साथ दुष्कर्म किया था। दुष्कर्म के पूर्व ईंट से सिर पर प्रहार कर पहले पति व चार माह के मासूम बेटे की हत्या कर दी थी। बाद में पत्नी को भी मार डाला था। इतना ही नहीं दस वर्षीय बेटी व पांच वर्ष के बेटा को भी सिर पर प्रहार कर घायल कर दिया था। तिहरे हत्याकांड व घटना के दौरान अमानवीय कृत्यों की सभी हदें पार करने वाले आरोपित को पुलिस ने उसके घर से गिरफ्तार किया था।

तीन हत्‍याओं के मामले में मुख्य आरोपित नसीरुद्दीन उर्फ पउवा को बीते वर्ष गिरफ्तार कर पूछताछ की तो उसने अपना जुर्म कबूल करते हुए बताया कि दुराचार के इरादे से ही उसने तीनों की हत्या की थी। इतना ही नहीं घायल महिला व बालिका के साथ भी दुराचार करने की बात स्वीकार की। उसके इस खुलासे से पुलिस भी चकरा गई। एसपी प्रो. त्रिवेणी सिंह ने इस बाबत तब बताया था कि घायल बालिका का मेडिकल जांच कराया गया तो उसके साथ भी दुराचार की पुष्टि हुई थी। घायल दोनों बच्चों का पुलिस ने कोर्ट में 164 का बयान भी दर्ज कराया था। मौके से मिले खून से सने कपड़े, सीमेन लगे वस्त्र व अन्य साक्ष्य को फोरेंसिक जांच के लिए विधि विज्ञान प्रयोगशाला लखनऊ भेजा और पुलिस विवेचना पूरी कर चार्जशीट भी कोर्ट में प्रेषित कर दी गई थी। पुलिस का भी प्रयास था कि मुकदमे की रोज सुनवाई कराकर आरोपित को फांसी की सजा दिलाई जाए।


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