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बरसात में आक्रामक हो जाता है सर्पों का स्वभाव, बरतें एहतियात और डरने की बजाय रहें संयमित

बिलों में पानी भरने की वजह से बरसात के मौसम में सांप खूब निकलते हैं। जेठ-अषाढ़ सर्पों के मिलन का समय होता है और बरसात में सर्पिणियां गर्भधारण किए होती हैं। बिलों में जब पानी भरने लगता है तो उन्हें बाहर निकलने पर मजबूर हो जाती हैं।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Tue, 20 Jul 2021 09:20 AM (IST)Updated: Tue, 20 Jul 2021 09:20 AM (IST)
बरसात में आक्रामक हो जाता है सर्पों का स्वभाव, बरतें एहतियात और डरने की बजाय रहें संयमित
बिलों में पानी भरने की वजह से बरसात के मौसम में सांप खूब निकलते हैं।

वाराणसी, जागरण संवाददाता। बिलों में पानी भरने की वजह से बरसात के मौसम में सांप खूब निकलते हैं। जेठ-अषाढ़ सर्पों के मिलन का समय होता है और बरसात में सर्पिणियां गर्भधारण किए होती हैं। बिलों में जब पानी भरने लगता है, तो उन्हें बाहर निकलने पर मजबूर हो जाती हैं। जंतु विज्ञान-बीएचयू की प्रोफेसर राधा चौबे के मुताबिक शारीरिक दशा के चलते इस स्थिति में वे अधिक आक्रामक रहती हैं। इंसानों या जानवरों से संपर्क होने पर वे तुरंत उस लेती हैं। इसलिए बरसात के मौसम में अंधेरे में निकलने से बचें। बाहर जाना भी हो तो टार्च लेकर और जूता-चप्पल पहनकर ही निकलें।

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भारत में पाए जाने वाले करीब 80 फीसद सर्प विषहीन होते हैं। पूर्वांचल में पाए जाने वाले जहरीले सांपों में कोबरा, करैत, वाइपर आदि प्रमुख हैं। ऐसे में किसानों को बरसात के मौसम में सोने से पहले अपना बिस्तर भी भली प्रकार चेक करके ही सोना चाहिए। जहां तक संभव हो मच्छरदानी का प्रयोग करें। इससे मच्छर व सांप दोनों से बचाव होगा। जूते पहनना से पहले अच्छे से देख लें। रात में बाहर निकलना हो तो टार्च जरूर साथ रखें।

दो तरह के होते हैं सर्पविष

न्यूरोटाक्सिन : यह विष व्यक्ति के तंत्रिका तंत्र को प्रभावित करता है और व्यक्ति का मस्तिष्क व तंत्रिकाएं काम करना बंद कर देती हैं। उसे नींद आने लगती है और वह बेहोश हो जाता है। उसे लकवा मार जाता है और उसकी मौत हो जाती है। कोबरा, करैत व इस प्रजाति के सांप में यही जहर पाया जाता है। इसमें समय पर इलाज न मिलने पर मिनटों में मौत होती है।

हीमोटाक्सिन : यह विष व्यक्ति के रक्त को प्रभावित करता है। रक्त के साथ मिलकर यह रक्त कोशिकाओं को समाप्त कर देता है और मस्तिष्क में रक्त न पहुंचने से व्यक्ति की मृत्यु हो जाती है। यह वाइपर प्रजाति के सर्पों में पाया जाता है। असर दिखाने में 30 से 45 मिनट का समय लेता है। बेहोश होना व धुंधला दिखना इसके प्रमुख लक्षण हैं। जहरीले सांप की ऐसे करें पहचान

- प्रो. राधा के मुताबिक पूंछ व सिर देखकर पता लगाया जा सकता है कि सांप जहरीला है या नहीं। यदि उसका सिर गोल-अंडाकार और पूंछ घुमावदार है तो वह जहरीला नहीं है। वहीं त्रिकोणाकार सिर व सीधी नुकीली पूंछ वाले सांप जहरीले होते हैं। इन पर बनी धारियां देखकर भी कुछ हद तक अंदाजा लगाया जा सकता है।

काटने के पैटर्न से भी लगता है अंदाजा

- सर्प ने जहां काटा है, वहां खरोंच है या उल्टा यू के आकार की आकृति बनी है तो सांप जहरीला नहीं है। वहीं इस आकृति में ही या अन्य स्थान पर केवल दो दांत के निशान स्पष्ट दिखाई दे रहे हैं तो इसका मतलब है कि किसी जहरीले सर्प ने डसा है।

सांप काटे तो पहले ये करें

- डर और उपचार न मिलने से ही मौतें होती हैं, इसलिए घबराएं नहीं।

- यदि दो दांत के निशान स्पष्ट हैं तो जहरीले सांप ने काटा है।

- जहां सांप ने काटा है, उसके थोड़ा उपर कसकर बांध दें।

- अब नया ब्लेड लेकर दांत के निशान पर चीरा लगाकर ब्लड निकाल दें।

- साबुन या डिटाल से इसे साफ कर अविलंब नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पहुंचें।


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