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राष्ट्रीय कर अधिवेशन : कालाधन देश की अर्थ व्यवस्था को खोखला कर रहा, बोले न्यायमूर्ति विनीत सरन

न्यायमूर्ति विनीत सरन ने कहा कि काला धन देश की अर्थव्यवस्था को खोखला कर रहा है। आर्थिक भ्रष्टाचार पर प्रहार करने को जीएसटी पर मंथन करने की जरूरत है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Tue, 12 Nov 2019 10:53 AM (IST)Updated: Tue, 12 Nov 2019 10:53 AM (IST)
राष्ट्रीय कर अधिवेशन : कालाधन देश की अर्थ व्यवस्था को खोखला कर रहा, बोले न्यायमूर्ति विनीत सरन
राष्ट्रीय कर अधिवेशन : कालाधन देश की अर्थ व्यवस्था को खोखला कर रहा, बोले न्यायमूर्ति विनीत सरन

वाराणसी, जेएनएन। न्यायमूर्ति विनीत सरन ने कहा कि काला धन देश की अर्थव्यवस्था को खोखला कर रहा है। आर्थिक भ्रष्टाचार पर प्रहार करने को जीएसटी पर मंथन करने की जरूरत है। इससे विकास का पहिया देश में और रफ्तार से दौड़ सकेगा।

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सुप्रीम कोर्ट के जस्टिस विनीत सरन आल इंडिया फेडरेशन ऑफ टैक्स प्रैक्टिसनर्स (एआइएफटीपी) के राष्ट्रीय कर अधिवेशन एवं देव-दीपावली टैक्स कांफेंस 2019 को संबोधित कर रहे थे। विषय 'ए ब्राइट सेल टूवर्ड्स टैक्स प्रोफिशिएंसी रहा। विशिष्ठ अतिथि सर्वोच्च न्यायालय के जज भूषण आर गवई ने कहा कि अधिवक्ता, विधि प्रोफेशनल, विधिज्ञाता, लॉ कॉलेजों में शोधकर इसका सही मूल्यांकन करें। विशिष्ट अतिथि जज कृष्ण मुरारी ने देश में  करों परिमार्जन की जरूरत बताई। इलाहाबाद हाईकोर्ट के जज पीयूष अग्रवाल ने जीएसटी पर बरकरार कन्फ्यूजन पर अपनी बातें रखीं। न्यायाधीश पीपी भट्ट ने टेक्नोलाजी के बढ़ते प्रयोग को संबोधन में महत्व दिया। बोले वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये निर्णय हो रहे हैं। इसे पूरे देश मे लागू करने की जरूरत है। एआइएफटीपी ने राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. अशोक सर्राफ ने कहा कि हमारी संस्था सरकार को सही सलाह देती है, जिसकी आज जरूरत है। अतिथियों ने  'ए बुक आन एआइएफटीपी पुस्तक का विमोचन किया गया। जज अश्विन कुमार मिश्रा, पीसी जोशी, श्रीहर्ष सिंह, ओपी शुक्ला, संजय कुमार, अरविंद शुक्ला ने विचार व्यक्त किए। अजय मिश्रा, जीडी दुबे, योगेश श्रीवास्तव समेत बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे। संचालन अदिति जैन व धन्यवाद ज्ञापन आनंद पसारी ने किया।

'मन की बात' में कर पर व्यक्त किए उद्गार

एआइएफटीपी ने  कार्यक्रम के दूसरे चरण में 'मन की बात' कार्यक्रम का आयोजन किया। इनकम टैक्स के अपील कमिश्नर अशोक त्रिपाठी मौजूद रहे। वरिष्ठ उद्यमी एवं आइआइए के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष आरके चौधरी ने अपने संबोधन में पालिसी में स्थायित्व पर जोर दिया। बोले बार-बार बदलाव से अस्पष्टता उभरती है।  पोर्टल काम न करना एक बड़ी परेशानी है। सबकुछ बेहतर हो तो मंदी पास नहीं फटकेगी। राजेंद्र गोयनका, डॉ. आरके ओझा, दीपक बजाज समेत बड़ी संख्या में लोग मौजूद रहे। 


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