भदोही से रोजगार के लिए जा रहे थे नासिक, पुलिस ने बताया मानव तस्करी
वैश्विक महामारी में 25 मार्च 2020 को लाकडाउन घोषित कर दिया गया। देश के सभी उद्योग-धंधों में ताला लटक गया। महानगर से गांव आए लोग किसी तरह से नमक और दाल से तीन माह गुजार लिया। अनलाक होते ही रोजगार की उन्हें चिंता सताने लगी।
भदोही, जेएनएन। वैश्विक महामारी में 25 मार्च 2020 को लाकडाउन घोषित कर दिया गया। देश के सभी उद्योग-धंधों में ताला लटक गया। महानगर से गांव आए लोग किसी तरह से नमक और दाल से तीन माह गुजार लिया। अनलाक होते ही रोजगार की उन्हें चिंता सताने लगी। गांव में नौकरी दिलाने की बात किसी के मुंह से निकलता कि लंबी कतार लग जाती थी। कुछ इसी तरह नासिक में एक फैक्ट्री में काम कराने के लिए नौ अगस्त को बैरीबीसा गांव के आस-पास से करीब 40 की संख्या में श्रमिक एक निजी वाहन से निकले थे। एक वाहन पर सवार इतने श्रमिको़ं को देख पुलिस टूट पड़ी।
श्रमिकों और वाहन को कोइरौना थाने ले गई और घूस मांगने लगी। जब समझौता नहीं हुआ तो पुलिस ने मानव तस्करी के आरोप में वाहन स्वामी सहित चार के खिलाफ केस दर्ज कर लिया। बैरीबीसा के जीतनारायण ने बताया कि उसके पिता हीरालाल गौतम भी रोजगार के लिए जा रहे थे। वह स्वेच्छा से जा रहे थे लेकिन पुलिस फर्जी तरीके से वाहन स्वामी के खिलाफ केस दर्ज कर जेल भेज दिया। इसलिए वह काम के लिए नासिक नहीं जा सके। गांव के रविशंकर गौतम का कहना है कि गांव के 40 श्रमिक रोजगार के सिलसिले में पूना एक फैक्ट्री में जा रहे थे। पुलिस कोइरौना पूरी तरह भ्रष्ट हो चुकी है। मनमानी तरीके से केस दर्ज कर कार्रवाई की। लाकडाउन में घर बैठे-बैठे गरीबों की स्थिति पूरी तरह बदहाल हो गई थी। ऐसे में रोजगार दिलाने कोई ले जा रहा है तो उसके खिलाफ मानव तस्करी का केस लाद दिया गया। ऐसे लोगों पर कठोर कार्रवाई होनी चाहिए।