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बोले नरेश उत्‍तम, प्रदेश की कानून व्यवस्था तार-तार, घोरावल की घटना इसका उदाहरण

समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल अष्टभुजा डाक बंगले से सोनभद्र के लिए रवाना हो गए।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Tue, 23 Jul 2019 11:02 AM (IST)Updated: Wed, 24 Jul 2019 10:36 AM (IST)
बोले नरेश उत्‍तम, प्रदेश की कानून व्यवस्था तार-तार, घोरावल की घटना इसका उदाहरण
बोले नरेश उत्‍तम, प्रदेश की कानून व्यवस्था तार-तार, घोरावल की घटना इसका उदाहरण

मीरजापुर, जेएनएन। समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल अष्टभुजा डाक बंगले से सोनभद्र के लिए रवाना हो गए। इस मौके पर उन्होंने कहा कि सोनभद्र में वह जमीन संबंधी विवाद में मारे गए परिजनों से मुलाकात करेंगे। उनका जाने का पहले से प्रोग्राम था और हम कार्यकर्ताओं के साथ वहां पहुंचे। घारवल की घटना को लेकर सियासत गर्म है।

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सरकार परमिशन दे या ना दे, हमें वहां जाना ही है। पांच जिलों से लोग वहां पहुंच रहे हैं। प्रदेश अध्यक्ष ने कहा कि भाजपा सरकार यह आरोप लगा रही कि आरोपी सपा का आदमी है। भाजपा हमेशा से झूठ बोलती है। झूठ बोलने और लोगों को गुमराह करने सिवा उनके पास कोई काम नहीं है। प्रदेश की कानून व्यवस्था पर उनकी नजर नहीं है। प्रदेश की कानून व्यवस्था तार-तार हो चुकी है। घोरावल की हुई घटना इसका उदाहरण है।

इसके बाद नरेश उत्‍तम सोनभद्र के घोरावल क्षेत्र के उभ्भा गांव में 17 जुलाई को भूमि पर कब्जे को लेकर हुए नरसंहार के मामले में मंगलवार को दोपहर 12 बजे सपा के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम गांव में पहुंचे। जहां उन्होंने परिजनों से मिलकर घटना के बारे में जानकारी ली। इसके साथ ही मिलने वाली सुविधाओं के बारे में पूछा। इसके बाद प्रदेश अध्यक्ष राबर्ट्सगंज पहुंचेंगे जहां तहसील परिसर में घटना के विरोध में धरना-प्रदर्शन में भाग लेंगे।

नरसंहार कांड में भाजपा अपना पाप छिपाने के लिए इस मामले में कांग्रेस व सपा को बदनाम कर रही है, ताकि जनता का ध्यान बांटा जा सके। सपा आदिवासियों के साथ है और उनकी हर स्तर पर लड़ाई लडऩे को तैयार है। मामले में सपा के विधायक का नाम लेना गलत है। इसका हर स्तर पर विरोध किया जाएगा। यह बातें समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के निर्देश पर उभ्भा गांव का स्थलीय निरीक्षण करने पहुंचे प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल ने मंगलवार को सपा जिला कार्यालय में पत्रकारों से कही।
 उन्होंने कहा कि भाजपा के शासन में लूट, हत्या व बलात्कार की घटनाओं में इजाफा हुआ है। उभ्भा में नरसंहार के लिए भाजपा की सरकार जिम्मेदार है। अधिकारियों व कर्मचारियों ने इस मामले को गंभीरता से नहीं लिया, जबकि समय-समय पर समाधान दिवस, थाना दिवस आदि पर यह मामला पहुंचता रहा है। यदि प्रशासनिक अधिकारियों द्वारा धारा 145 की कार्रवाई अमल में लाई जाती तो दस लोगों का जान नहीं जाती। उन्होंने कहा कि इस मामले में राजस्व व पुलिस विभाग के अधिकारियों की भूमिका की जांच कर कार्रवाई करनी चाहिए। इसके पहले प्रदेश अध्यक्ष उभ्भा गांव पहुंचे। उन्होंने मृतकों तथा घायलों के परिजनों का हाल जाना और घटना के बारे में जानकारी ली। गहरा दुख जताया और मृतकों के प्रति संवेदना प्रकट की। पीडि़तों से कहा कि सपा सरकार उनके साथ हैं। अधिक से अधिक सहायता राशि बढ़ाए जाने को लेकर विधानसभा में आवाज बुलंद की जाएगी। ताकि सभी पीडि़तों को इस दुख की घड़ी में ज्यादा से ज्यादा मदद मिल सके। उन्होंने गोलीकांड स्थल का भी निरीक्षण किया। ग्रामीणों से घटनाक्रम के बारे में जानकारी ली। पीडि़तों को आश्वस्त किया कि इस मामले में जो भी हुआ वह भूमि विवाद के कारण हुआ। उन्हें उनका हक मिलना चाहिए। इस मौके पर पूर्व मंत्री कैलाश चौरसिया, जिलाध्यक्ष मीरजापुर आशीष यादव, पूर्व जिलाध्यक्ष शिवशंकर यादव, पूर्व विधायक जगदम्बा ङ्क्षसह पटेल, पूर्व मंत्री मुन्नी यादव, पूर्व विधायक घोरावल रमेश चंद्र दुबे, आनन्द तिवारी, लल्लू शुक्ला, संजय यादव, श्याम बिहारी यादव, कृष्णा शर्मा आदि उपस्थित रहे।

पांच वाहनों से उभ्भा जाने की दी इजाजत
समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम पटेल 18 वाहनों के काफिले के साथ उभ्भा जा रहे थे। उभ्भा गांव से करीब तीन किलोमीटर पहले ही पुलिस ने काफिला को रोक दिया। सपाजनों तथा पुलिस में इस बात को लेकर हल्की झड़प भी हुई। अंत में पांच वाहनों को गांव में जाने की अनुमति मिली। 

सोनभद्र में उभ्भा की घटना को लेकर समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष नरेश उत्तम के नेतृत्व में सपाजनों ने मंगलवार को जिला कार्यालय उरमौरा से न्याय यात्रा निकाली। इस दौरान काफी संख्या में मीरजापुर व सोनभद्र के सपाजनों ने राबर्ट्सगंज नगर में पैदल यात्रा करते हुए प्रदेश सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। इस दौरान तहसील परिसर में धरना देते जाते समय पुलिस ने उन्हें कई स्थानों पर रोकने का प्रयास किया लेकिन वे नहीं रूके। इस दौरान कई स्थानों पुलिस से नोकझोक भी हुई। तहसील के समीप रोकने पर सपाजन सड़क पर ही धरने पर बैठकर नारेबाजी करने लगे। जहां पहुंचकर पुलिस अधीक्षक व डीएम ने उन्हें काफी समझाया लेकिन धरनास्थल पर जाने को अड़े रहे। इसके बाद दो बजे धरनास्थल पर पहुंचे जहां धरना देते हुए घटना के दोषियों पर कार्रवाई की मांग की।


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