Naagari Naatak Mandali कोरोना के खल-अभिनय से रंगमंच खामोश, 25 वर्ष से लगातार होने वाली वर्कशॉप भी स्थगित
कोरोना के खल-अभिनय के कारण काशी में रंगमंच खामोश है। नागरी नाटक मंडली में करीब 25 वर्ष से 15 मई से 30 जून तक क्लासिक थिएटर की चलने वाली वर्कशॉप भी नहीं होगी।
वाराणसी, [वंदना सिंह]। कोरोना के खल-अभिनय के कारण काशी में रंगमंच खामोश है। नागरी नाटक मंडली में करीब 25 वर्ष से 15 मई से 30 जून तक क्लासिक थिएटर की चलने वाली वर्कशॉप भी नहीं होगी। एनएसडी से जुड़ कर यहां एक साल का थिएटर कोर्स होता है, जिसकी परीक्षा मार्च में होनी थी, जो कोरोना संक्रमण की आशंका के कारण नहीं हो पाई। नागरी नाटक मंडली में चलने वाले कोर्स व वर्कशॉप से अभिनय की बारीकियां सीखने के बाद कई कलाकार बॉलीवुड के साथ सीरियलों में पहचान बना चुके हैं।
45 दिन की होती है वर्कशॉप
रंगकर्मी रतिशंकर त्रिपाठी बताते हैं कि दो बैच में 45 दिन की वर्कशॉप साल में एक बार होती है। जिसमें 8 से 80 वर्ष के लोग होते हैं। 8-16 साल की उम्र के बच्चों का टेस्ट नहीं लिया जाता, मगर 17 से 80 वर्ष तक के लोगों को कुछ टेस्ट देने पड़ते हैं। तकरीबन ढाई सौ लोग हर साल चुने जाते हैं जिन्हेंं बाकायदा अभिनय की बारीकियों संग क्लासिक थिएटर सिखाया जाता है।
परीक्षा पर भी लग गया ग्रहण
रतिशंकर त्रिपाठी बताते हैं कि कोरोना के कारण नागरी नाटक मंडली में वर्कशॉप के साथ ही एक साल का कोर्स करने वाले बच्चों की पढ़ाई और परीक्षा नहीं हो पाई। अक्सर बच्चे फोन करके पूछते हैं कि यहां थिएटर कब शुरू होगा, मगर अभी स्थिति ऐसी नहीं है कि थिएटर चल सके। जैसे ही हालात सुधरेंगे और सरकार का आदेश होगा तो शारीरिक दूरी व साफ-सफाई का ध्यान रखते हुए हम वर्कशॉप करेंगे।
अभिनय की बुनियाद है रंगमंच
बॉलीवुड एक्टर सिद्धार्थ अरोड़ा का कहना है कि गर्मी की छुट्टियों में नागरी नाटक मंडली में थिएटर किया है। पहले गुरू रतिशंकर त्रिपाठी थे। रंगमंच अभिनय का बेस होता है। यहां पंकज त्रिपाठी, रमेश मनचंदानी व चित्रा मोहन आदि की क्लास करने का मुझे मौका मिला था। क्लास नहीं चलने से रंगमंच से जुड़े कलाकार निराश हैं।
एक्टर के लिए थिएटर जरूरी
फिल्म निर्देशक सत्यप्रकाश उपाध्याय ने बताया कि एक्टर बनने की इच्छा रखने वाले युवा दो-तीन साल थिएटर जरूर करें। इसे करने के बाद एक पूर्ण कलाकार उभरकर सामने आता है। अपनी फिल्म कूप मंडूक के लिए थिएटर आॢटस्ट लेने का संकल्प लिया है। युवाओं से कहना कि थिएटर अभिनय के लिए जरूरी है। वह उसकी नींव है।