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वाराणसी के खाद्य मंडी में सरसों तेल की आवक बंद, थोक और फुटकर व्यापारियों के माथे पर है चिंता की लकीर

पूर्वांचल की सबसे बड़ी खाद्य मंडी विश्वेश्वरगंज में सरसों तेल की आवक नाम मात्र की रह गई है। इससे थोक और फुटकर व्यापारी दोनों चिंतित हैं। व्यापारियों को चिंता इस बात की है कि यदि यही हाल रहा तो होली पर्व आते-आते हाहाकार मच जाएगा।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Tue, 02 Mar 2021 09:10 AM (IST)Updated: Tue, 02 Mar 2021 09:10 AM (IST)
वाराणसी के खाद्य मंडी में सरसों तेल की आवक बंद, थोक और फुटकर व्यापारियों के माथे पर है चिंता की लकीर
पूर्वांचल की सबसे बड़ी खाद्य मंडी विश्वेश्वरगंज में सरसों तेल की आवक नाम मात्र की रह गई है।

वाराणसी, जेएनएन। पूर्वांचल की सबसे बड़ी खाद्य मंडी विश्वेश्वरगंज में  सरसों  तेल की आवक नाम मात्र की रह गई है। इससे थोक और फुटकर व्यापारी दोनों चिंतित हैं। व्यापारियों को चिंता इस बात की है कि यदि यही हाल रहा तो होली पर्व आते-आते हाहाकार मच जाएगा। सोमवार को दब मंडी खुली तो ब्रांडेड  सरसों  तेल का भाव थोक में 138-140 रुपये प्रति लीटर था। जबकि सोयाबिन रिफाइन का भाव 133-135 रुपये प्रति लीटर और पाम आयल का भाव 120-125 रुपये प्रति लीटर था।

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90 प्लांट हो चुके हैं बंद

मंडी के व्यापारी दिलीप जायसवाल ने बताया कि बाजार में पुराना  सरसों  खत्म हो जाने के कारण सलोनी और अन्य ब्रांडेड कंपनियों ने अपने आगरा और राजस्थान के उत्पादन प्लांट को बंद कर दिया है। नई फसल बाजार में जरूर आई है लेकिन नए सरसो के तेल में पानी का अंश और दुर्गंध आने के कारण कंपनियां अभी उत्पादन इकाईयों को बंद करके रखी हैैं। उत्पादन बंद होने के कारण मंडी में  सरसों  तेल की आवक लगभग बंद के कगार पर है। जानकारों की मानें तो एक कंपनी को बाजार में अपना विश्वास जमाने में दस साल लगते हैं। मूल कारण यही है कि कंपनियां बाजार से अपना विश्वास खत्म नहीं होने देने के कारण नए सरसों से उत्पादन नहीं कर रहीं हैं। व्यापारी मुकेश जायसवाल का मानना है कि 15 दिनों में तेल का भाव उतरने की उम्मीद है।

विदेशों में निर्यात कर बढऩे से महंगा है रिफाइन

भारत में पाम आयल का आयात इंडोनेशिया और मलेशिया से होता है। वहां की सरकार ने जब से निर्यात कर 45 फीसद किया है तब से भारत में पाम आयल का दाम आसमान पर है। यही हाल कमोवेश सोयाबिन रिफाइन का भी है। भारत में रिफाइन का आयात ब्राजील से होता है। कर के फेर में भारत आते-आते सोयाबिन महंगा हो जा रहा है। सोयाबिन रिफाइन और पाम आयल को सस्ता करने के उद्देश्य से भारत सरकार ने आयात कर में 15-20 फीसद तक कमी की थी। जिसका कुछ खास असर बाजार भाव पर नहीं दिखा।


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