मासूम संग दुष्कर्म में हुआ नाकाम तो ईंट और हंसिया से कर दिया बेरहमी से कत्ल
रोहनिया थाना क्षेत्र के एक गांव में 19 सितंबर की देर रात हुई नौ वर्षीय छात्रा की हत्या के मामले में पुलिस ने आरोपित राजेश पटेल को सोमवार को दबोच लिया।
वाराणसी (जेएनएन) । रोहनिया थाना क्षेत्र के एक गांव में 19 सितंबर की देर रात हुई नौ वर्षीय छात्रा की हत्या के मामले में पुलिस ने आरोपित राजेश पटेल को सोमवार को दबोच लिया। पुलिस की पूछताछ में आरोपित ने बताया कि वह मृतका के घर अक्सर आता-जाता रहता था। घटना वाली रात मृतका की मां नहीं थी। रात्रि में किसी समय आरोपित शराब के नशे में घर में घुस गया। बच्ची से दुष्कर्म के प्रयास में असफल रहने पर उसने ईंट से वार कर बुरी तरह घायल कर दिया। बाद में हंसिया से गोदकर बच्ची की हत्या कर दी।
एसएसपी आनंद कुलकर्णी ने बताया कि आरोपित राजेश शराब का आदी था। उसकी शादी हो चुकी है मगर बहुत पहले ही पत्नी छोड़ दी है। वह दहेज उत्पीडऩ व बाइक चोरी के मामले में पूर्व में जेल जा चुका है। चूंकि मृतका की मां चिखना बेचती थी इसलिए वह शराब पीने से पूर्व चिखना भी लेने आता था। घटना वाले दिन शाम के समय मृतका की मां से आरोपित ने फोन पर बात भी किया था जब वह अपने नानी के यहां थीं। रात्रि में शराब पीने के बाद घर में घुस गया। उस दौरान बच्ची का छोटा भाई दूसरे कमरे में जबकि बड़ा भाई छत पर सो रहा था। बच्ची के कमरे में घुसने के बाद शराब के नशे में धुत आरोपित बच्ची से ही दुष्कर्म का प्रयास किया। नींद खुलने पर वह राजेश को पहचान गई मगर नशे में धुत आरोपित जबरदस्ती करने लगा। जोर जबरदस्ती के बीच राजेश उसे मारने पीटने लगा। घर में भागती बच्ची के सिर पर ईंट से कई वार किया गया। लहुलूहान बच्ची फिर भी घर में इधर उधर भागती रही। अंत में राजेश ने उसे हंसिया से मौत के घाट उतार दिया।
पुलिस से बचने के लिए मृतका के कपड़े भी समेट ले गया। शक के आधार पर सोमवार को उसे मोहनसराय ऑटो स्टैंड से दबोच लिया गया। एसएसपी ने बताया कि घटना के दौरान आरोपित की ऊंगली भी हसिया से कट गई। उसका भी मेडिकल कराया गया है। उधर, बच्ची संग दुष्कर्म हुआ था या नहीं, इसकी जानकारी पोस्टमार्टम रिपोर्ट में न आने के बाद स्लाइड को परीक्षण के लिए भेजा गया है। खुलासा करने वाली टीम में सीओ सदर अनिल कुमार, इंस्पेक्टर रोहनिया श्रीप्रकाश गुप्ता, उप निरीक्षक महमूद आलम व जनक आदि शामिल थे। एसएसपी ने टीम को पुरस्कार स्वरूप 10 हजार रुपये के इनाम की घोषणा की।
नजदीकियों को फंसाने लगा
एसएसपी ने बताया कि जब आरोपित को दबोचा गया तो उसने कई और लोगों का नाम बताकर उन्हें फंसाना चाहा। बाद में जांच पड़ताल में साक्ष्य न मिलने के बाद सभी को छोड़ दिया गया। उधर, घटना के खुलासे के लिए पुलिस व क्राइम ब्रांच की छह टीमें लगाई गई थीं मगर अंतत: रोहनिया पुलिस को ही सफलता मिली।
टकलवा-टकलवा कहकर चिढ़ाती थी
पुलिस की पूछताछ में यह भी सामने आया कि आरोपित जब बालिका के घर आता था तो वह टकलवा, टकलवा कहकर चिढ़ाती रहती थी। अपमान से नाराज होकर वह पूर्व में बच्ची को पीटा भी था। मौका मिलते ही बालिका को मौत के घाट उतार दिया। हालांकि भाईयों के घर में होने के बावजूद दर्दनाक घटना को अंजाम दिए जाने को लेकर भी तरह-तरह की चर्चा हो रही है। लेकिन पुलिस का कहना है कि घटना के दौरान बच्चे इस कदर डर गए थे कि वे विरोध भी नहीं कर सके।