वाराणसी में डंप कचरे का निस्तारण करेगा नगर निगम, वरुणा किनारे कूड़े का पहाड़ चुनौती
waste garbage in Varanasi वाराणसी में अब एक बार पुन कचरे के निस्तारण को लेकर मंथन किया जा रहा है। इसमें सिंचाई विभाग के अलावा जल निगम की टीम को भी लगाया गया है। फिलहाल दो विकल्पों पर विचार हो रहा है।
जागरण संवाददाता, वाराणसी : नगर में अब डंप कचरा नहीं दिखेगा। केंद्र सरकार से निस्तारण का आदेश आया है। इस क्रम में नगर निगम ने तैयारी भी प्रारंभ कर दी है। हालांकि, वरुणा किनारे कूड़े का पहाड़ है जिसे निस्तारित करना नगर निगम के लिए चुनौती होगी। वरुणा नदी के किनारे करीब 30 हजार मीट्रिक टन कचरा पड़ा है जो पुराने पुल के पास पहाड़ जैसा आकार ले लिया है।
प्रारंभिक तौर पर कचरे की मात्रा का आकलन किया गया है जिसमें करीब 30 हजार टन कचरा होने का अनुमान लगाया गया है।
अब कचरे के निस्तारण को लेकर मंथन किया जा रहा है। इसमें सिंचाई विभाग के अलावा जल निगम की टीम को भी लगाया गया है। फिलहाल, दो विकल्पों पर विचार हो रहा है। पहला-वरुणा नदी के किनारे प्रस्तावित हरित पट्टी में कचरे को पोकलेन से फैला दिया जाए और कंपेक्टर मशीन से कचरे को दबाकर उस पर मिट्टी डाल दी जाए ताकि आगे चलकर वहां पौधरोपण कराया जा सके। दूसरा किसी डूब क्षेत्र में कचरे को डालकर वहां के गड्ढे को पाट दिया जाए। हालांकि दोनों विकल्प नगर निगम के लिए महंगा साबित हो रहा है। विकल्पों के आधार पर बजट का आकलन कर कार्यवाही करने की तैयारी हो रही है। एनजीटी द्वारा दिए निर्देशों का अनुपालन अविलंब किया जाएगा।
कल की करनी आज भुगत रहा निगम
यह कचरा आम लोगों ने नहीं फेंका है बल्कि यह नगर निगम की ही करनी है। बात वर्ष 2012 की हो रही है जब नगर में कचरा उठान की जिम्मेदारी एटूजेड कंपनी को मिली थी। कंपनी अचानक काम छोड़कर चली गई। इसके बाद नगर निगम के सामने कचरा निस्तारण बड़ी समस्या बनकर उभरी।
पुरानापुल, नक्खीघाट में फेंका कचरा
करसड़ा स्थित प्रोसेसिंग प्लांट भी नहीं चलने से कचरा निस्तारण रमना में होने लगा जहां पर एसटीपी के लिए जमीन अधिग्रहित की गई थी। रमना के लोगों ने जब कचरा डंप नहीं करने के लिए आंदोलन किया तो नगर निगम ने वरुणा किनारे पुराने पुल, नक्खी घाट क्षेत्र में कचरा निस्तारण शुरू किया। यह कवायद लंबे समय तक चली। उस वक्त नगर में करीब 450 टन कचरा रोज निकलता था।