सागरमाला परियोजना : गंगा में जल परिवहन पर जापान से लेकर चीन तक की नजर
जल परिवहन अर्थ के क्षेत्र में क्रांतिकारी कदम है जिस पर चीन-जापान तक की नजर है, कारोबार को गति देने के लिए सागरमाला के तहत जलमार्ग विकसित किया जा रहा है।
वाराणसी (जेएनएन) । गंगा तटीय क्षेत्रों की तकदीर व तस्वीर बदलने के लिए विकसित किए जा रहे वाराणसी-हल्दिया जल मार्ग पर पहले कार्गो का स्वागत और मल्टी मॉडल टर्मिनल का लोकार्पण करने पहुंचे पीएम मोदी की खुशियों का पारावार न रहा। इसका अंदाजा केंद्रीय मंत्री गडकरी व सीएम योगी के साथ ही उनके ठहाकों ने कराया तो गंगा के प्रति श्रद्धा का भाव जेटी की रेलिंग की ओर खींच ले आया। उन्होंने शीश नवाया और करबद्ध प्रणाम कर गंगा का आभार जताया। कहा कि गंगा में जल परिवहन अर्थ के क्षेत्र में क्रांतिकारी कदम है जिस पर चीन-जापान तक की नजर है। दरअसल भारत में कारोबार को गति देने के लिए सागरमाला परियोजना के तहत ही यह जलमार्ग विकसित किया जा रहा है।
पीएम के तीन हेलिकाप्टरों का बेड़ा दोपहर बाद 3.11 बजे टर्मिनल की विशाल जेटी पर उतरना शुरू हुआ और 3.20 बजे उनके कदम टर्मिनल पर थे। उन्होंने 12 अगस्त 2016 को शिलान्यास के बाद महज 879 दिन में तैयार टर्मिनल का रिमोट की बटन दबा कर लोकार्पण किया। जेटी पर बने मंच से रिमोट दबाकर मोबाइल हार्बर क्रेन स्टार्ट किया और कोलकाता से रवींद्रनाथ टैगोर में आए पेप्सिको के 16 कंटेनर में से एक उठाकर जेटी पर रख दिया। सांकेतिक तौर पर हरी झंडी दिखा कर कंटेनर प्राप्त होने का इशारा करते हुए जल मार्ग का भी शुभारंभ कर दिया। पीएम हैंगर से बनाए गए विशेष कक्ष में गए और टर्मिनल का मॉडल देखा।
वाराणसी से हल्दिया तक जल मार्ग के विकास पर बनी लघु फिल्म देखी। यहां उन्हें वाराणसी-हल्दिया रूट (एनडब्ल्यू-1) पर बनने वाले अन्य तीन टर्मिनल साहिबगंज, हल्दिया समेत जल परिवहन विकास योजनाओं और इससे होने वाले लाभ की जानकारी दी गई। इसे तय समय से पहले विकसित कर लेने के लिए प्रधानमंत्री ने शुभकामना दी। आईडब्लूएआई चेयरमैन प्रवीर पांडेय ने स्वागत किया। पेप्सिको इंडिया के सीईओ अहमद अल शेख, वाइस चेयरमैन नीलिमा द्विवेदी, प्रमुख उद्यमी आरके चौधरी समेत विशिष्टजन खास पलों के साक्षी बने। पीएम लगभग 40 मिनट तक यहां रहे और चार बजे हेलीकाप्टर से ही बाबतपुर के लिए रवाना हो गए।
बनारस बनेगा कार्गो हब, चलेगी रोरो व फेरी सर्विस
कंटेनर कार्गो के बाद अब जल्द ही रोरो व फेरी सर्विस भी जल्द शुरू होने की उम्मीद जग गई है। पीएम ने जनसभा के दौरान इसका संकेत भी दे दिया। दरअसल, रो-रो फेरी सर्विस में बोट के जरिए लगभग 100 बड़े वाहनों की ढुलाई और करीब 500 लोगों की यात्रा एक साथ हो सकेगी। फेरी के किराए की यह दर बस सुविधा से सस्ती होगी। इसे रोल आन-रोल आफ सर्विस कहते हैं। इसके अलावा फेरी सर्विस यूपी, बिहार, झारखंड व पश्चिम बंगाल से शुरू होगी। इसमें डबल डेकर जहाज में निचले सतह पर वाहन लोड किए जाएंगे और उपरी तल पर यात्रियों के बैठने की व्यवस्था होगी। इसके लिए बेंच या कुर्सियां लगाई जाएंगी।