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विदेश तक फैला है मुख्तार अंसारी गैंग का मछली कारोबार, नेपाल व बैंकाक में बड़े पैमाने पर आपूर्ति

मुख्तार अंसारी गिरोह की मोटी कमाई का जरिया बने मछली कारोबार की जड़ें देश के कई राज्यों तक जमी हुई है। साथ ही नेपाल व बैंकाक में भी गैंग बड़े पैमाने पर मछलियों की आपूर्ति करता है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Tue, 21 Jul 2020 05:04 PM (IST)Updated: Wed, 22 Jul 2020 12:07 AM (IST)
विदेश तक फैला है मुख्तार अंसारी गैंग का मछली कारोबार, नेपाल व बैंकाक में बड़े पैमाने पर आपूर्ति
विदेश तक फैला है मुख्तार अंसारी गैंग का मछली कारोबार, नेपाल व बैंकाक में बड़े पैमाने पर आपूर्ति

मऊ, जेएनएन। जनपद के सदर विधानसभा से लगातार 6वीं बार विधायक बने मुख्तार अंसारी का नाम केवल अपराध जगत में ही देश-विदेश तक ही नहीं वरन आर्थिक साम्राज्य भी विदेशों तक फैला हुआ है। इस गिरोह की मोटी कमाई का जरिया बने मछली कारोबार की जड़ें देश के कई राज्यों तक जमी हुई है। साथ ही नेपाल व बैंकाक में भी गैंग बड़े पैमाने पर मछलियों की आपूर्ति करता है। मुख्तार अंसारी गिरोह प्रतिमाह इससे करोड़ों रुपये की आय करता है। इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि सावन माह में एक ही दिन तीन ट्रकों पर लदी 60 लाख की मछलियां पुलिस ने बरामद की।

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मुहम्मदाबाद गोहना नगर के इदारतगंज निवासी पारस सोनकर व उसके भाई श्यामलाल सोनकर उर्फ लिल्लू मुख्तार गिरोह के मछली माफिया हैं। इसमें पारस सोनकर की लगभग आठ करोड़ की संपत्ति को पुलिस प्रशासन ने सीज कर दिया है। एक भाई के आर्थिक साम्राज्य पर ताला लगने के बाद दूसरे भाई लिल्लू ने कारोबार की कमान पूरी तरह से अपने हाथ में ले ली है। मुख्तार अंसारी गिरोह से संबंध रखने वाले सोनकर भाइयों में लिल्लू ने आंध्र प्रदेश को अपनी आर्थिक राजधानी बनाया है। यहां पर बड़े पैमाने पर फैले मछली कारोबार की जड़ें नेपाल व बैंकाक तक जुड़ी हुई हैं। आंध्र प्रदेश से बिहार के छपरा, मुजफ्फरनगर सहित कई जनपदों में इसकी आपूर्ति होती है। साथ ही मऊ, गाजीपुर, आजमगढ़, वाराणसी सहित पूरे पूर्वांचल में इनका एकछत्र साम्राज्य फैला हुआ है। छोटे से जनपद मऊ में प्रतिदिन चार से पांच ट्रक मछलियों की आवक होती है। इसमें गिरोह को एक ट्रक पर डेढ़ से दो लाख रुपये तक आय होती है। बड़े पैमाने पर फैला मछली व्यवसाय मुख्तार अंसारी गिरोह की छांव में दिन दूना रात चौगुना ऊंचाइयां छूता गया।

पिता था छोटा व्यापारी, बेटे बन गए मछली किंग

करीब डेढ़ दशक पूर्व सोनकर बंधुओं के पिता मछली के एक छोटे व्यापारी थे। पिता द्वारा मत्स्य पालकों को मछली के बीज बेचे जाते थे। इस व्यापार में बेटे भी सहयोग करने लगे। इसी दौरान दक्षिण के एक मछली कारोबारी से सोनकर बंधुओं की मुलाकात हुई। यही सोनकर बंधुओं का टर्निंग प्वाइंट बना और उन्होंने पीछे मुड़कर नहीं देखा। जब सोनकर बंधुओं ने अपने व्यापार को विस्तार दिया, तभी मुख्तार अंसारी गिरोह के सुल्तानपुर निवासी गुर्गे से सोनकर बंधुओं की मुलाकात हुई। इस दौरान दोनों पक्षों में पैसे के लेनदेन को लेकर झगड़ा हुआ। इस मामले को खुद विधायक मुख्तार अंसारी ने सुलह-समझौता कराया। इसमें मुख्तार गिरोह को प्रति कुंतल मछली पर एकमुश्त धनराशि तय की गई। सोनकर बंधुओं को मुख्तार का साथ मिला और मछली कारोबार का आर्थिक साम्राज्य मऊ से चलकर पूर्वांचल, बिहार, आंध्रप्रदेश होते हुए विदेशों तक फैल गया।

डर ऐसा कि पनप नहीं पाए छोटे व्यापारी

मछली माफिया सोनकर बंधुओं को मुख्तार गिरोह का साथ मिलते ही कारोबार निरंतर बढ़ता ही गया। मुख्तार गिरोह की छांव में जनपद का कोई छोटे व्यापारी आज तक पनप नहीं पाया। जनपद में ताल-तलैया से लेकर बड़े पैमाने पर तालाब व पोखरे होने के बावजूद छोटे व्यापारी आज तक हिम्मत नहीं जुटा पाए।

जनपद सहित प्रदेश के अन्य जिलों तक फैले सिंडिकेट को खंगाला जा रहा है

मुख्तार अंसारी गिरोह द्वारा चलाए जा रहे अवैध मछली व्यवसाय के खिलाफ अभियान चलाया जा रहा है। जनपद सहित प्रदेश के अन्य जिलों तक फैले सिंडिकेट को खंगाला जा रहा है। विवेचना में इस गिरोह की जड़ें जहां तक जमी होंगी, वहां तक चिह्नित कर कार्रवाई होगी।

 -अनुराग आर्य, पुलिस अधीक्षक, मऊ। 


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