मोजांबिक बनारस रेलइंजन कारखाना से खरीदेगा पावर पैक और स्पेयर्स, दक्षिण-पूर्वी अफ्रीकी देश के उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल पहुंचा वाराणसी
छह डीजल रेल इंजनों की खरीद के बाद दक्षिण-पूर्वी अफ्रीकी देश मोजांबिक को बनारस रेलवे कारखाना भा गया है। मोजांबिक बरेका से अब पावर पैक और स्पेयर्स की भी खरीद करेगा। एक पावर पैक की खरीद के लिए वहां के रेलवे बोर्ड से बरेका को आर्डर भी मिल गया है।
जागरण संवाददाता, वाराणसी। छह डीजल रेल इंजनों की खरीद के बाद दक्षिण-पूर्वी अफ्रीकी देश मोजांबिक को बनारस रेलवे कारखाना भा गया है। सुदूर बसा यह देश बरेका से अब पावर पैक और स्पेयर्स की भी खरीद करेगा। एक पावर पैक की खरीद के लिए वहां के रेलवे बोर्ड से बरेका को आर्डर भी मिल गया है। सोमवार को मोजांबिक सरकार और रेलवे बोर्ड के एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधि मंडल ने बरेका पहुंचकर वर्कशाप और विभिन्न उत्पादों का निरीक्षण किया और उनकी गुणवत्ता पर विश्वास जताया।
बरेका पहुंचे मोजांबिक के प्रतिनिधि मंडल ने वहां कार्यशाला के न्यू ब्लाक शाप, इंजन टेस्ट शाप, लोको असेंबली शाप में जाकर इंजन उत्पादन से संबंधित प्रक्रिया तथा उपलब्ध निर्माण सुविधाओं का भरपूर अवलोकन किया। साथ ही विभिन्न तकनीकी विषयों पर संबंधित अधिकारियों से जानकारी प्राप्त की। प्रतिनिधिमंडल में शामिल अधिकारी बरेका में मौजूद निर्माण सुविधाओं से काफी प्रभावित हुए। वहां पहुंचने पर प्रमुख मुख्य विद्युत इंजीनियर राजेश कुमार राय ने प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों को पुष्पगुच्छ भेंट कर उनका स्वागत किया। प्रतिनिधिमंडल में मोजांबिक रेलवे के अध्यक्ष मीगुल जोस माताबेल, परिवहन और संचार मंत्रालय के कैबिनेट के प्रमुख एंटोनियो मैनुअल माट्यूस, सदस्य कार्यकारी बोर्ड व फाइनेंसर सीएफएम अबूबकर अदामो मुसा, कार्यकारी निदेशक सीएफएमसी एंटोनियो फ्रांसिस्को मैनुएल बाई, निदेशक रेलवे सीएफएमएस टियोडोमिरो एंजेलो तथा सलाहकार अरुण कुमार नरसिम्हापाई शामिल थे। उनके साथ मेसर्स राइट्स के अधिकारी भी थे।
जीएम के साथ की गुणवत्ता एवं डील पर चर्चा
मोजांबिक से आए उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल ने बरेका की महाप्रबंधक अंजली गोयल की अध्यक्षता में एक बैठक भी की। इसमें प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों ने अपने देश को निर्यात किए गए रेल इंजन के संबंध में उपस्थित प्रमुख विभागाध्यक्षों के साथ विस्तारपूर्वक तकनीकी विचार-विमर्श किया। चर्चा के दौरान मोजांबिक भेजे गए इंजनों से संबंधित सभी मुद्दों पर चर्चा हुई। प्रतिनिधिमंडल तकनीकी चर्चा के बाद काफी संतुष्ट दिखे।
बरेका अब तक 1071 इंजन कर चुका है निर्यात
बनारस रेलइंजन कारखाना अपनी स्थापना से लेकर अब तक 1076 डीजल इंजन विदेशों को निर्यात कर चुका है। 1956 में स्थापना के बाद 1975 में पहला इंजन जिंबाब्वे को बेचा गया था। बंग्लादेश, श्रीलंका, म्यांमार, माले, सेनेगल आदि लगभग डेढ़ दर्जन देशों में बरेका के बने इंजन दौड़ रहे हैं।
माेजांबिक पहुंच चुके हैं दो इंजन, चार रास्ते में
बरेका ने नवंबर, 2020 को निर्यात एजेंसी राइट्स के साथ मोजांबिक को छह इंजनों की आपूर्ति के अनुबंध पर हस्ताक्षर किया था। उनमें से दो इंजन पहुंच चुके हैं। चार अभी रास्ते में हैं, जो 8-10 दिनों में वहां पहुंच जाएंगे। अनुबंध के अनुसार बरेका ने बीते अगस्त में छठे और अंतिम इंजन को राइट्स को सौंप दिया था।
निर्यात किए गए केप गेज इंजन हैं पूरी तरह स्वदेशी
मोजांबिक को 3000 अश्वशक्ति के केप गेज इंजन दिए गए हैं। केप गेज, मीटर गेज व ब्राड गेज के बीच की साइज होती है। वहां इसी साइज की पटरियां लगी हुई हैं। ये इंजन पूरी तरह से स्वदेशी हैं। 10 मार्च, 2021 को मोजांबिक के लिए दो रेल इंजन केंद्रीय रेल, वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल एवं माेजांबिक सरकार के परिवहन व संचार मंत्री जनेफर अब्दुलाई ने वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से हरी झंडी दिखाकर रवाना किया थ। वहां भेजा गया केप गेज इंजन बरेका का पहला एसी-एसी ट्रैक्शन सिस्टम है। उसकी क्षमता 100 किमी प्रति घंटे की रफ्तार व 2255 टन है। इंजन का सबसे महत्वपूर्ण आइटम क्रैंक-केस असेंबली बरेका में ही तैयार किया गया है।