किसानों को नवाचार के लिए प्रेरित करें स्वयं सहायता समूह, बीएचयू में कृषि विज्ञान संस्थान मेंअंतरराष्ट्रीय सम्मेलन शुरू
बीएचयू के कृषि विज्ञान संस्थान में रविवार से शुरू हुए प्रसार शिक्षा विभाग के चार दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान अमेरिकी वैज्ञानिकों ने किसानों के विकास में रुचि दिखाई। स्वयं सहायता समूह के माध्यम से किसानों को नवाचार के लिए प्रेरित कर राष्ट्र की उन्नति के प्रयास करने होंगे।
वाराणसी, जेएनएन। बीएचयू के कृषि विज्ञान संस्थान में रविवार से शुरू हुए प्रसार शिक्षा विभाग के चार दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन के दौरान अमेरिकी वैज्ञानिकों ने किसानों के विकास में रुचि दिखाई। 'इंटरनेशनल एक्सटेंशन एजुकेशन कांफ्रेंस आन रोल आफ एनजीओ इन एक्सटेंशन सर्विसेज : अपारच्युनिटी एंड का चैलेंजेज विषय पर आयोजित आनलाइन व आफलाइन सम्मेलन के उद्घाटन के बाद मुख्य अतिथि अमेरिका के प्रो. रिक डी रड ने कहा कि स्वयं सहायता समूह के माध्यम से किसानों को नवाचार के लिए प्रेरित कर राष्ट्र की उन्नति के प्रयास करने होंगे। प्रो. रिक वर्कफोर्स एजुकेशन एंड डेवलपमेंट वर्जिनिया टेक के निदेशक हैं।
विशिष्ट अतिथि टेक्सास एम यूनिवर्सिटी के प्रो. जैक इलियट के कहा कि भारत के किसान बहुत प्रगतिशील हैं। उनमें काफी क्षमता है। सही समय पर उनको मौका देने से कृषि की दशा-दिशा में बदलाव आएगा। किरण सोसाइटी की संस्थापक व अध्यक्ष संगीता जेके ने बताया कि शोध संस्थानों व गैर सरकारी संगठन को एक साथ मिलकर काम करने की आवश्यकता है।
कृषि विज्ञान संस्थान के निदेशक प्रो. रमेश चंद ने किसानों की तकनीकी विकास में सहभागिता पर जोर दिया। कहा 'अपने नवीनतम प्रयोग ड्रोन की सहायता से गेहूं की बुवाई बीएचयू में की गई है। किसानों के संगठन स्वयं सहायता समूहों से बढ़कर कार्य कर रहे, लेकिन वे लोग रजिस्टर्ड नहीं हैं। उनके कार्यों का परिणाम गांव में दिखता है, इसलिए शोध संस्थानों को किसानों को साथ लेकर काम करना चाहिए।
कृषि संकाय के संकाय प्रमुख प्रो. एपी सिंह ने विदेशी अतिथियों का बीएचयू से परिचय कराया। पशु चिकित्सा एवं पशु विज्ञान संकाय की संकाय प्रमुख प्रो. एन रमा देवी ने पशुओं में कृत्रिम गर्भधारण के क्षेत्र में स्वयं सहायता समूहों के योगदान को सराहा। विभागाध्यक्ष प्रो. बसवप्रभु जिर्ली ने स्वागत और प्रो. एके सिंह ने धन्यवाद ज्ञापन किया। आयोजन सचिव, प्रो. कल्याण घडई, डा. धीरज मिश्र, डा. नेहा उप्रेती समेत कई कृषि वैज्ञानिक थे।