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कोरोना संक्रमण के कारण मां विंध्यवासिनी मंदिर नवमी तक के लिए बंद,अष्टभुजा व कालीखोह भी रहेगा बंद

श्रीविंध्य पंडा समाज के पदाधिकारियों ने शनिवार की सुबह पारीवाल के साथ कोरोना संक्रमण के मद्देनजर विंध्यवासिनी मंदिर में दर्शन-पूजन को लेकर बैठक की। दो घंटे तक चली बैठक के बाद कोरोना के बढ़ते संक्रमण की आशंका के बीच विंध्यवासिनी मंदिर को बंद करने का निर्णय लिया गया।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Sat, 17 Apr 2021 09:26 PM (IST)Updated: Sat, 17 Apr 2021 09:26 PM (IST)
कोरोना संक्रमण के कारण मां विंध्यवासिनी मंदिर नवमी तक के लिए बंद,अष्टभुजा व कालीखोह भी रहेगा बंद
कोरोना संक्रमण के कारण मां विंध्यवासिनी मंदिर नवमी तक के लिए बंद

मीरजापुर, जेएनएन। बढ़ते कोरोना संक्रमण को लेकर एहतियात के तौर पर एक बार फिर विंध्यवासिनी मंदिर को बंद कर दिया गया। कोरोना काल के बीच यह दूसरी बार होगा, जब विंध्यवासिनी मंदिर को पूरी तरीके से बंद रखा जाएगा। साथ ही विंध्य पर्वत पर विराजमान मां अष्टभुजा व मां काली मंदिर भी बंद रहेगा। मंदिर बंद होने से भक्त अब नवमी तक मां विंध्यवासिनी का दीदार नहीं कर सकेंगे।

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नगर विधायक रत्नाकर मिश्र व श्रीविंध्य पंडा समाज के पदाधिकारियों ने शनिवार की सुबह पारीवाल के साथ कोरोना संक्रमण के मद्देनजर विंध्यवासिनी मंदिर में दर्शन-पूजन को लेकर बैठक की। दो घंटे तक चली बैठक के बाद कोरोना के बढ़ते संक्रमण की आशंका के बीच विंध्यवासिनी मंदिर को बंद करने का निर्णय लिया गया। तय हुआ कि शनिवार की रात आठ बजे से चैत्र नवरात्र के नवमी यानी 21 अप्रैल तक मंदिर को श्रद्धालुओं के लिए बंद रखा जाएगा। इस बीच अगर शासन का कोई गाइडलाइन आ गया तो उस हिसाब से व्यवस्था होगी, नहीं तो नवमी की रात पुन: बैठक कर पंडा समाज राष्ट्रहित में निर्णय लेगा। गर्भगृह का कपाट केवल दैनिक रूप से होने वाली चार आरती के लिए ही खोला जाएगा। दर्शनार्थियों की भीड़ में किसी संक्रमित व्यक्ति के आ जाने का खतरा था, इसलिए जनहित में यह फैसला लिया गया है। वहीं श्रद्धालुओं से घर पर ही रहकर पूजा-अर्चना व मां की आराधना करने का अनुरोध किया गया है।

मां विंध्यवासिनी दरबार में हमेशा भक्तों का तांता लगा रहता है। देश-विदेश से आने वाले भक्त भी मां का दर्शन करना नहीं भूलते, लेकिन कोरोना ने ऐसा ग्रहण लगाया कि सारी व्यवस्था एक झटके में पलट गई। संक्रमण न फैले, इसके लिए धर्मस्थलों को बंद करने का निर्णय लिया गया। जिन गलियों में चहल-पहल देखने को मिलती थी, अब वहां पर सन्नाटा दिखाई पड़ेगा। पिछले वर्ष भी कोरोना के चलते विंध्यवासिनी मंदिर को बंद कर दिया गया था।

वापस कर दिए जाएंगे श्रद्धालु, घर पर ही करें मां की आराधना

विंध्यवासिनी मंदिर बंद किए जाने के निर्णय के बाद जिलाधिकारी प्रवीण कुमार लक्षकार ने देश-विदेश श्रद्धालुओं से विंध्यधाम न आकर घर पर ही मां की आराधना करने की अपील की। कहा कि अगर कोई आ भी गया तो उन्हें समझा-बुझाकर वापस कर दिया जाएगा। पुलिस अधीक्षक अजय कुमार सिंह ने कहा कि पुलिस कड़ाई के साथ नियम का पालन कराएगी। किसी भी दर्शनार्थी को मंदिर पर प्रवेश नहीं दिया जाएगा। मंदिर के बाहर जितने भी बैरियर लगे हैं, वहां तैनात पुलिसकर्मियों को निर्देश दिया गया है कि किसी को भी अंदर न आने दिया जाए।

विंध्यधाम आ चुके श्रद्धालुओं के लिए बढ़ी मुसीबत

विंध्यवासिनी मंदिर बंद होने से शतचंडी पाठक व पूजन-अनुष्ठान के लिए विंध्यधाम आए श्रद्धालुओं के लिए मुसीबत खड़ी हो गई है। मंदिर बंद होने से श्रद्धालुओं का पूजन खंडित हो जाएगा। अरूण शर्मा जहानाबाद का कहना है कि हम लोग नवरात्र से पहले से यहां आ चुके थे। अगर मंदिर बंद करना ही था तो नवरात्र से पहले ही कर दिया गया होता। ऐसे में अब पाठ छोड़कर कैसे जाएं। रायबरेली, उन्नाव, बाराबंकी आदि स्थानोें से दर्शनार्थी चैत्र नवरात्र में विंध्यधाम आकर पूजन-अनुष्ठान करते हैं। होटल, लाज व तीर्थ पुरोहितों के मकान में साठ से सत्तर हजार दर्शनार्थी पहले से ही रूके हैं।

दुकानदार मायूस, बंदी से होगा भारी नुकसान

विंध्यवासिनी मंदिर बंद होने से दुकानदार भी काफी मायूस हैं। इससे उनको काफी नुकसान उठाना पड़ेगा। नवरात्र को लेकर वे सभी बिक्री के लिए सामानों की खरीदारी कर चुके थे। इसमें लाखों रुपये फंसे हुए हैं। मंदिर बंद होने से दर्शनार्थी विंध्यधाम नहीं आ सकेंगे। ऐसे में बिक्री के लिए खरीदे गए नारियल खराब हो जाएंगे। इससे भारी नुकसान उठाना पड़ेगा। वहीं, उधार पर दुकान लगाकर बैठे दुकानदार भी काफी मायूस हैं।


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