वसंत पंचमी के दिन BHU के स्थापना दिवस पर वैदिक रीति रिवाजों से मां सरस्वती का हुआ पूजन
कोरोना संक्रमण के खतरों को देखते हुए इस वर्ष वसंत पर्व पर बीएचयू का स्थापना दिवस सामान्य तरीके से आयोजित किया गया। इस दौरान बीएचयू परिवार ने उल्लास के साथ विश्वविद्यालय का स्थापना दिवस (बसंत पंचमी) मनाया। स्थापना स्थल पर विधिवत वैदिक रीति रिवाजों के साथ पूजा-अर्चना की गई।
वाराणसी, जेएनएन। कोरोना संक्रमण के खतरों को देखते हुए इस वर्ष वसंत पर्व पर बीएचयू का स्थापना दिवस सामान्य तरीके से आयोजित किया गया। इस दौरान बीएचयू परिवार ने उत्साह व उल्लास के साथ विश्वविद्यालय का स्थापना दिवस (बसंत पंचमी) मनाया। स्थापना स्थल पर विधिवत वैदिक रीति रिवाजों के साथ पूजा-अर्चना की गई। वैदिक मंत्रोच्चार के बीच विश्वविद्यालय परिवार के सदस्यों ने मां सरस्वती की पूजा कर सबकी सुख, शांति और समृद्धि की कामना की। हवन पूजन और अनुष्ठान के बाद कुलपति ने संक्षिप्त भाषण के जरिए सर्वविद्या की राजधानी बीएचयू के स्थापना दिवस से अब तक के सफर को भी याद किया।
वहीं बसंत पंचमी के स्थापना दिवस के मौके पर कुलपति प्रो. राकेश भटनागर ने ट्रामा सेन्टर परिसर में नवनिर्मित नर्सेज भवन, एडमिनिस्ट्रेटिव ब्लाक व अमृत फार्मेसी का उदघाटन किया। काशी हिन्दू विश्वविद्यालय आज वसंत पंचमी के मौके पर अपना 105 वां स्थापना दिवस मना रहा है। बीएचयू कुलपति ने स्थापना स्थल पर जहां वैदिक रीति रिवाजों के साथ पूजा अर्चना की वहीं नर्स फ्लैट-एडमिनिस्ट्रेटिव ब्लॉक का उद्घाटन कर स्थापना दिवस के आयोजनों में हिस्सा लिया। वहीं प्रत्येक वर्ष इस दिन निकलने वाली आकर्षक झांकी को लेकर आगंंतुकों और परिसर में वसंत का उल्लास नदारद रहा।
महामना की पुरानी तस्वीर साझा
बसंत पंचमी और बीएचयू के स्थापना दिवस के मौके पर मंगलवार को कुलपति कार्यालय की ओर से बीएचयू के स्थापना दिवस की एक श्वेत श्याम तस्वीर भी जारी की गई। इस तस्वीर में स्थापना दिवस के मौके पर पं. महामना मदन मोहन मालवीय नजर आ रहे हैं। बीएचयू के संस्थापक पं. महामना मदन मोहन मालवीय स्थापना दिवस समारोह में हाथ मेंं कुछ कागज लिए भावपूर्ण मुद्रा में खड़े नजर आ रहे हैं। कुलपति ने स्थापना दिवस के मौके पर लोगों को शुभकामना देते हुए लिखा है - 'काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के स्थापना दिवस व वसंत पंचमी पर विश्वविद्यालय परिवार के सभी सदस्यों को अनन्त शुभकामनाएं। -प्रो. राकेश भटनागर कुलपति।'