बनारस में रोजाना तीन महिलाओं संग हो रही है छेड़खानी, बीते वर्ष से दो गुना तक बढ़ चुका है आंकड़ा
हैदराबाद में दुष्कर्म के आरोपितों को पुलिस मुठभेड़ में मार गिराए जाने के बाद से पक्ष व विपक्ष में बहस छिड़ी हुई है।
वाराणसी, जेएनएन। हैदराबाद में दुष्कर्म के आरोपितों को पुलिस मुठभेड़ में मार गिराए जाने के बाद से पक्ष व विपक्ष में बहस छिड़ी हुई है। कुछ लोग हैदराबाद पुलिस की सराहना कर रहे हैं तो वहीं कुछ लोग इसे न्यायोचित नहीं मान रहे हैं। इस मामले पर युवाओं की राय जानने के लिए जागरण टीम शनिवार को अग्रसेन महिला महाविद्यालय पहुंची। जब छात्राओं से बात की गई तो उनके मन की बात खुलकर सामने आने लगी। महाविद्यालय में छात्राओं ने बताया कि रोजाना कालेज आते समय मनचलों से परेशान होना पड़ता है। पहले स्थिति में सुधार था, लेकिन एक साल से कई छात्राओं के साथ छेड़खानी हुई है। पढ़ाई छूट जाने के डर से न तो पुलिस को यह बात बताई न ही घर वालों से शिकायत की। ऐसे में डर लगता है कि परिजन पढ़ाई बंद करा देंगे।
ज्ञातव्य है कि जिले में महिला उत्पीडऩ के मामलों में दोगुना वृद्धि हुई है। आंकड़ों के अनुसार महिला अपराध के हरमाह लगभग सौ मामले दर्ज हो रहे हैं। इससे अंदाजा लगाया जा सकता है कि बनारस में भी महिलाएं महफूज नहीं हैं। जिले में महिला उत्पीडऩ रोकने को हर तरह की कवायद की गई, लेकिन धरातल पर बदलाव नजर नहीं आ रहा। महिलाओं की सुरक्षा के लिए महिला थाना बना तो महिला कांस्टेबल का विशेष कृष्णा दस्ता बनाया गया। प्रदेश स्तर पर एंटी रोमियो दस्ता, महिला हेल्पलाइन के अलावा आशा ज्योति केंद्र व महिला सेल है। इसके बावजूद दुष्कर्म, छेडख़ानी व अपहरण के मामलों में बढ़ोतरी हुई है। वर्ष 2018 में नवंबर माह तक महिला उत्पीडऩ के 493 मामले दर्ज हुए हैं, वहीं इस साल 15 नवंबर तक 1039 मामले दर्ज किए गए हैं। इस तरह देखा जाए तो हर माह करीब सौ मामले दर्ज हो रहे। दुष्कर्म, छेडख़ानी, अपहरण व दहेज हत्या की घटनाओं पर अंकुश लगाने में पुलिस नाकाम साबित हो रही है। महिला सेल के आंकड़ों के अनुसार वर्ष 2017 में 485 तो वर्ष 2016 में 286 मामले दर्ज किए गए हैं।
बोले एसएसपी : एंटी रोमियो की टीम रोजाना कार्य कर रही है। टीम को कार्रवाई के लिए निर्देशित किया जाएगा। कार्य में लापरवाही बरतने वाले पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी।- प्रभाकर चौधरी, एसएसपी।