शैक्षिक परिसर में वाट्सएप पर चैटिंग करते पकड़े गए तो जब्त होगा फोन, जानिए कि नियम से कौन है अधिक परेशान
विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों में अध्यापकों के क्लास में अक्सर मोबाइल फोन की घंटी बज जाती है।
वाराणसी, जेएनएन। युवाओं में मोबाइल की लत तेजी से बढ़ रही है। इससे विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों में भी पठन-पाठन प्रभावित हो रहा है। पिछले दिनों महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के इतिहास विभाग के अध्यापक डा. गोपाल यादव बीए का क्लास में पढ़ा रहे थे। उन्होंने जैसे ही दर्शन में कारण का उल्लेख करते हुए 'प्रेरित' कहा। तब तक एक छात्र के मोबाइल की घंटी बज गई। वह 'प्रोत्साहित' व 'उत्साहित' में अटक गए। वहीं पूरे क्लास के विद्यार्थियों का ध्यान उस ओर चला गया। जहां से मोबाइल फोन की घंटी बज रही थी। हालांकि छात्र झेप गया। यह तो एक बानगी है।
विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों में अध्यापकों के क्लास में अक्सर मोबाइल फोन की घंटी बज जाती है। वहीं कुछ छात्र-छात्राएं क्लास में ही वाट्सएप पर चैटिंग करते हैं। कई बार गुरुजी को टोकना पड़ता है। अध्यापकों का कहना है कि ज्यादातर विद्यार्थी समझदार होते हैं। स्नातक व स्नातकोत्तर का होने से क्लास में मोबाइल फोन का टोन ऑफ कर देते हैं। इसके बावजूद एक-दो छात्रों का मोबाइल क्लास में बज ही जाता है।
इसको लेकर अब शासन गंभीर हुआ है। विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों में पठन-पाठन का माहौल बनाए रखने के लिए फोन पर प्रतिबंध लगा दिया है। छात्र-छात्राएं अब कक्षा या परिसर में मोबाइल पर बात करते अथवा वाट्सएप चलाते मिले तो फोन को जब्त कर लिया जाएगा। जब्त मोबाइल अभिभावकों को बुलाकर चेतावनी के साथ लौटाया जाएगा। वैसे मोबाइल रखने में कोई रोक नहीं है। लेकिन उसका प्रयोग परिसर के बाहर होगा। छुट्टी होने पर ही परिसर के अंदर मोबाइल का प्रयोग किया जा सकता है।
बोले कुलपति : विवि में पढऩे वाले छात्र-छात्राएं आम तौर में समझदार होते हैं। क्लास में ज्यादातर विद्यार्थी साइलेंट मोड में मोबाइल रखते हैं। शासन के निर्देश पर विद्यार्थियों को जागरूक किया जाएगा ताकि वह परिसर में फोन साइलेंट मोड में रखे। -प्रो. टीएन सिंह, कुलपति, काशी विद्यापीठ
बोले प्राचार्य : वर्तमान में सभी विद्यार्थियों के हाथ में मोबाइल फोन देखा जा रहा है। हालांकि क्लास में विद्यार्थी साइलेंट मोड ही मोबाइल रखते हैं। विद्यार्थियों के लिए मोबाइल प्रतिबंधित करने के लिए शासन से कोई आदेश अब तक नहीं आया है। आने पर उनका अनुपालन कराया जाएगा। -डा. विजय बहादुर सिंह, प्राचार्य, उदय प्रताप महाविद्यालय।