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जेल जाते समय विधायक विजय मिश्र की खुली चुनौती, मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ को हटा देंगे

भदोही ज्ञानपुर के विधायक विजय मिश्र ने प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को खुली चुनौती दे डाली है। कहा है कि उन्हें यूपी से हटा देंगे।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Sun, 16 Aug 2020 08:00 PM (IST)Updated: Sun, 16 Aug 2020 08:16 PM (IST)
जेल जाते समय विधायक विजय मिश्र की खुली चुनौती, मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ को हटा देंगे
जेल जाते समय विधायक विजय मिश्र की खुली चुनौती, मुख्‍यमंत्री योगी आदित्‍यनाथ को हटा देंगे

भदोही [संग्राम सिंह]। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के वह मुरीद थे। तारीफें करते नहीं थकते थे, माला जपते थे उनके नाम की लेकिन अब जेल जाने की नौबत क्या आई, उनके सुर ही बदल गये। ज्ञानपुर के विधायक विजय मिश्र ने  प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को खुली चुनौती दे डाली है। कहा है कि उन्हें यूपी से हटा देंगे। मध्य प्रदेश के आगर मालवा जिले में शनिवार को दिये विधायक के बयान ने सियासी भूचाल ला दिया है। उन्होंने बलिया के सांसद वीरेंद्र सिंह मस्त, सैयदराजा (चंदौली) के विधायक सुशील सिंह व पूर्व एमएलसी विनीत सिंह को ठाकुर माफिया बताया है। उनसे भी जान की खतरा बता डाला।

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लोकसभा चुनाव के दौरान विधायक मिश्र कहते रहे कि वह सीएम योगी आदित्यनाथ के कहने पर सांसद रमेश चंद्र बिंद को समर्थन दे रहे हैं, लेकिन खुद सांसद इससे इन्कार करते रहे। सांसद को बोलना पड़ा था कि विधायक मिश्र से समर्थन मांग कौन रहा है। बाद में विधायक मिश्र ने पोस्टर छपवाये। उसमें मुख्यमंत्री की फोटो भी लगवाई और अपने विकास कार्य अंगुलियों पर गिनाये। मुंबई चले गये भाजपा प्रत्याशी के समर्थन में प्रचार करने के लिये। चुनावी प्रचार करते हुए फोटो भी खूब खिंचवाई। केसरिया वस्त्र पहना और फोटो सोशल मीडिया पर भी वायरल किये। कहते रहे कि वह तो बाबा (योगी आदित्यनाथ) के आशीर्वाद से यह कार्य कर रहे हैं। लेकिन सियासी ऊंट ने उस वक्त करवट बदली जब भीटी में वे सीएम योगी की चुनावी रैली मेें शामिल होने पहुंचे। वहां उन्हें मंच पर चढऩे ही नहीं दिया गया। वापस लौटने लगे तो भदोही के भाजपा विधायक रवींद्र नाथ त्रिपाठी को साजिशकर्ता बताया और दोनों नेताओं के बीच खूब जुबानी तीर चले थे। पुलिस और प्रशासन उनके किये अपराध पर अब चाबुक चलाने लगा तो कहने लगे कि वे ब्राह्मण हैं इसलिये परेशान किये जा रहे हैं लेकिन आगर मालवा में गिरफ्तारी के बाद उन्होंने चार नए दुश्मन गिना दिये। इनसे जान का खतरा भी बताया। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को प्रदेश से उखाड़ फेंकने की गंभीर बात कह डाली। जिनसे वे सालों तक मधुर संबंधों की दुहाई देते रहे, अब उन्हेें ही ललकारा है। जरायम की पिच पर ब्राह्मण गेंद बाउंसर निकली तो उन्होंने क्षत्रिय गुगली फेंकनी शुरू कर दिये।

ठाकुर माफिया के कहने पर वह मेरी पत्नी और बेटे पर अत्याचार कर रहे हैं

सीएम योगी आदित्यनाथ के कहने पर राज्यसभा, राष्ट्रपति और लोकसभा चुनाव में हमसे मदद लिया। सांसद बनवाया, लेकिन ठाकुर माफिया के कहने पर वह मेरी पत्नी और बेटे पर अत्याचार कर रहे हैं। फर्जी मुकदमे लिखाये जा रहे हैं। कभी भी वे सभी मेरी हत्या करा सकते हैं। सांसद वीरेंद्र ङ्क्षसह, विनीत ङ्क्षसह व सुशील सिंह उनकी हत्या कराना चाह रहे हैं। खतरा बना हुआ है। यूूपी से भाजपा को नहीं योगी को खदेड़ देंगे।

- विजय मिश्र, विधायक, ज्ञानपुर

और सच हुई अमित शाह की बात

वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में विधायक मिश्र निषाद पार्टी के बैनर तले चुनावी मैदान में थे। राजकीय इंटर कालेज ज्ञानपुर के मैदान में हुई चुनावी रैली के दौरान गृह मंत्री अमित शाह ने कहा था कि विजय मिश्र जैसे गुंडे चुनाव जीतने के बाद जेल में होंगे, वे भाजपा में कभी शामिल नहीं हो पाएंगे। अब जब विधायक मिश्र को जिला कारागार भेज दिया गया है तो ज्ञानपुर विधानसभा क्षेत्र की जनता कहने लगी है कि अमित शाह ने जो कहा था, वह हो गया..।

ब्राह्मण ही बढ़ा गये कानूनी उलझन

विधायक मिश्र जुर्म की पिच पर ब्राह्मण गेंद डालते रहे, जो बाउंसर निकली। कारण कि इनके दुश्मन ब्राह्मण ही हैं। रिश्तेदार कृष्ण मोहन तिवारी द्वारा दर्ज कराये गये मुकदमे में ही वे गिरफ्तार हुए हैं। विधायक मिश्र अभी तक भदोही के भाजपा विधायक रवींद्र नाथ त्रिपाठी, ज्ञानपुर ब्लाक प्रमुख मनीष मिश्र, पूर्व सांसद गोरखनाथ पांडेय, पूर्व मंत्रीद्वय राकेशधर त्रिपाठी व रंगनाथ मिश्र के अलावा भाजपा नेता अजय शुक्ल पर ही संगीन आरोप लगाते रहे हैं।

जनवरी में आमने-सामने आ गये थे सियासी धुरंधर

जनवरी 2020 में प्रभारी मंत्री जयप्रकाश निषाद ज्ञानपुर गेस्ट हाउस में आए थे। विधायक मिश्र व रवींद्र नाथ त्रिपाठी उनसे मिलने पहुंच गये। अवैध खनन का मुद्दा उठा तो विधायक मिश्र ने मोर्चा खोल दिया। दोनों विधायक एक दूसरे पर मरने-मारने का आरोप लगाने लगे। मंत्री ने बीच-बचाव किया। बात तो वहीं खत्म हो गई लेकिन कसक दोनों धुरंधर के जेहन में बनी रही। पूरे मामले को मंत्री अनुशासनहीनता करार दिया था। मामले की रिपोर्ट सीएम को देने की बात कही थी।


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