MLA Mukhtar Ansari ने जेल से बनाई अकूत संपत्ति, करीबियों के शस्त्र लाइसेंस निरस्त करने की हो रही कार्रवाई
प्रशासन अब चर्चित विधायक मुख्तार अंसारी के साम्राज्य को ध्वस्त कर कमर तोडऩे का मन बना लिया है।
वाराणसी, जेएनएन। चर्चित विधायक मुख्तार अंसारी पर शासन की नजरें टेढ़ी हो गई हैं। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने घोषणा की थी कि जेल का खेल अब नहीं चलने दिया जाएगा, उस पर अमल करने को प्रशासन ने कमर कस ली है। दरअसल, प्रदेश की पुलिस फाइल में संगठित अपराध करने वालों में मुख्तार का गिरोह सूचीबद्ध है। करीब 13 साल से जेल में निरुद्ध होने के बावजूद मुख्तार ने अकूत संपत्ति खड़ी की है। जेल से ही लगातार चुनाव जीतने के साथ ही पूर्वांचल के अनेक जिलों में इनका आर्थिक साम्राज्य फैला हुआ है। प्रशासन अब उनका साम्राज्य ध्वस्त कर कमर तोडऩे का मन बना लिया है। इसी कड़ी में विभिन्न क्षेत्रों में बैठे उसके करीबियों पर पुलिस कार्रवाई का दौर शुरू हो गया है।
गिरोह में सफेदपोश से अपराधी तक शामिल
ठेकेदारी से लगायत भूमि, रीयल इस्टेट, शराब, कोयला, टेलीकॉम टावर, मछली, मांस, असलहे आदि किसी भी क्षेत्र में जो भी सफेदपोश और अपराधी किस्म के लोग शामिल हैं, कहीं न कहीं से मुख्तार अंसारी से जुड़े हुए हैं। बीते जनवरी माह में पुलिस ने विधायक मुख्तार अंसारी के विरुद्ध मुकदमा दर्ज किया था, वह था अवैध असलहों से जुड़ा मामला। पुलिस ने जब रिकार्ड खंगाला तो विधायक के पैड पर जारी लगभग डेढ़ दर्जन असलहे फर्जी नाम-पते पर पाए गए। इनमें विधायक के तीन गुर्गों को गिरफ्तार कर पुलिस ने जेल भेज दिया तो 14 लोगों के लाइसेंस निरस्त कर दिए। पुलिस ने विधायक के पूरे साम्राज्य को खंगाला तो पता चला कि सभी सरकारी विभागों के ठेकों में मुख्तार के सिंडीकेट के लोगों का वर्चस्व है। वाराणसी, मऊ, आजमगढ़ व गाजीपुर में पुलिस ने मुख्तार के करीबियों के शस्त्र लाइसेंस निलंबन व अवैध कब्जे सहित अन्य मामलों में कार्रवाई शुरू कर दी है।
जितने मुकदमें उतने ही दुश्मन
मऊ से पिछले पांच बार से विधायक मुख्तार अंसारी के परिवार का एक गौरवशाली इतिहास रहा है, मगर खुद मुख्तार ने जुर्म का रास्ता अख्तियार किया। 40 से ज्यादा मुकदमें सिर पर हैं। यानी कि जितने मुकदमे उतने ही दुश्मन भी हैं। मुकदमों में हत्या, अपहरण और एक्सटॉर्शन जैसी दर्जनों संगीन वारदातों के आरोप हैं। फिर भी दबंगई इतनी है कि जेल में रहते हुए भी न सिर्फ चुनाव जीतते हैं बल्कि अपने गैंग को भी चलाते हैं। भय इतना है कि कोई खिलाफ में सिर नहीं उठाता है।