मीरजापुर जिला प्रशासन का निर्णय, जगन्नाथ रथयात्रा के साथ ही कांवर यात्रा भी स्थगित
मीरजापुर जिला प्रशासन ने निर्णय लिया है कि जगन्नाथ रथयात्रा के साथ ही कांवर यात्रा भी स्थगित कर दिया।
मीरजापुर, जेएनएन। जिलाधिकारी व पुलिस अधीक्षक की अगुवाई में सोमवार को कलेक्ट्रेट सभागार में विभिन्न प्रतिनिधियों के साथ बैठक की गई। इसमेें विश्व हिंदू परिषद के पदाधिकारियों के साथ ही कांवरिया संघ व जगन्नाथ यात्रा के पदाधिकारियों ने हिस्सा लिया। जिलाधिकारी ने कहा कि कोरोना महामारी की भयावहता को देखते हुए जनहित में यह निर्णय लिया जाता है कि इस बार किसी तरह की कांवर यात्रा नहीं निकलेगी और न ही जगन्नाथ यात्रा का आयोजन किया जाएगा।
कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित बैठक विश्व हिंदू परिषद, कांवरिया संघ, जगन्नाथ यात्रा के पदाधिकारियों के साथ श्रावण मास मेला, कांवड़ यात्रा व जगन्नाथ यात्रा के बाबत निर्णय लिया गया। पदाधिकारियों ने कहा कि कोरोना जैसी वैश्विक महामारी को देखते हुए और शासन प्रशासन की गाइड लाइन के अनुसार इस वर्ष कांवड़ यात्रा, जगन्नाथ यात्रा का कार्यक्रम रद रहेगा। सभी कार्यक्रम अपने-अपने घरों में रहकर ही पूरे किए जाएंगे। घर से ही पूजा व जलाभिषेक कर इन त्योहारों को मनाया जाएगा। प्रशासन द्वारा जारी गाइड लाइन का पूरी तरह से पालन किया जाएगा। बैठक में यह भी निर्णय लिया गया कि सावन महीने के दौरान जगह-जगह स्थानीय स्तर पर लगने वाले मेले व आयोजनों पर भी रोक लगाई गई है जिसका पालन करने की सहमति सभी न जताई। इस दौरान विश्व हिंदू परिषद के जिलाध्यक्ष रामचंद्र शुक्ल, विद्याभूषण दूबे, राकेश माहेश्वरी, गोरक्षा प्रमुख महेश तिवारी, उमाशंकर सिंह व बजरंग दल के जिला संयोजक विकास जायसवाल आदि मौजूद रहे।
कोरोना ने बढ़ाई विंध्यवासिनी मंदिर खुलने की तारीख
ङ्क्षवध्यवासिनी मंदिर खोले जाने की तारीख अब दूसरी मोड़ ले रही है। इससे दर्शनार्थियों का इंतजार और बढ़ता जा रहा है। पुरोहितों ने कोरोना का हवाला देकर मंदिर न खोले जाने का फैसला किया है। जबकि श्रीविंध्य पंडा समाज व प्रशासन के बीच हुई में काशी विश्वनाथ मंदिर खोले जाने के बाद विंध्यवासिनी मंदिर खोलने का निर्णय हुआ था। वहीं दर्शनार्थियों का कहना है कि वाराणसी में तो यहां से भी अधिक कोरोना पॉजिटिव हैं फिर भी सरकार के गाइड लाइन के अनुसार दर्शनार्थियों के लिए काशी विश्वनाथ मंदिर खोल दिया गया है लेकिन विंध्यवासिनी मंदिर अभीतक नहीं खोला जा सका। आरोप है कि मंदिर न खोलने के लिए गुमराह किया जा रहा है। एक तरफ कोरोना तो दूसरी तरफ आम सहमति के बाद कार्ययोजना का बहाना बनाया जा रहा है। मंदिर बंद होने से गरीब पुरोहित व दुकानदार भूखमरी के कगार पर हैं। रविवार को डेढ़ किलोमीटर के दायरे में मंदिर को सील कर दिया गया। पुलिस ने दर्शनार्थियों को मंदिर के पास जाने से रोक दिया।