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15 घंटे की बिजली कटौती को अधिकारी बता रहे माइनर फाल्ट, वाराणसी में 24 घंटे पावर सप्लाई देने का दावा फेल

वाराणसी शहर में ऐसे कई एरिया है जहां के लोग इस गर्मी में बिजली कटौती की मार झेलने को मजबूर हो गए है। लेकिन अधिकारियों को जनता की इस समस्या से कोई फर्क नहीं पड़ रहा। अधिकारी अभी तक तो सिर्फ जनता को ही गुमराह कर रहे थे।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Thu, 08 Apr 2021 08:10 AM (IST)Updated: Thu, 08 Apr 2021 08:10 AM (IST)
15 घंटे की बिजली कटौती को अधिकारी बता रहे माइनर फाल्ट, वाराणसी में 24 घंटे पावर सप्लाई देने का दावा फेल
वाराणसी में ऐसे कई एरिया है जहां के लोग गर्मी में बिजली कटौती की मार झेलने को मजबूर हो गए।

वाराणसी, जेएनएन। शहर में ऐसे कई एरिया है जहां के लोग इस गर्मी में बिजली कटौती की मार झेलने को मजबूर हो गए है। लेकिन अधिकारियों को जनता की इस समस्या से कोई फर्क नहीं पड़ रहा। अधिकारी अभी तक तो सिर्फ जनता को ही गुमराह कर रहे थे। अब वह अपने एमडी डा. सरोज कुमार को भी गुमराह कर रहे हैं। उन्हे अधूरी जानकारी पहुंचाने में बिजली विभाग के कई अफसर शामिल हैं। ऐसा इसलिए भी हो रहा है कि एमडी ऐसी सूचनाओं को सीधे ऊर्जा मंत्री तक पहुंचा देते हैं। वर्तमान में हालत यह है कि उपभोक्ताओं को 15-15 घंटे बिना बिजली के रहना पड़ रहा है। समस्या का कारण जानने के लिए जब अधिकारियों से संपर्क किया गया तो उनका सीधा जवाब था कि माइनर फाल्ट की वजह से बिजली गुल हुई थी। ऐसे में यह समझा जा सकता हैं कि जब 15 घंटे की कटौती को माइनर फाल्ट बताया जा रहा है तो मेजर फाल्ट में कितने घंटे की कटौती होगी।

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सारे इंतजाम फेल

बनारस में 24 घंटे बिजली देने का दावा हवा हवाई साबित हो रहा है। यूपी पावर कारपोरेशन के तमाम इंतजाम फेल हो जा रहे हैं। विभागीय अधिकारियों का दावा है कि शहर में कहीं भी ट्रांसफार्मर पर ओवरलोड की समस्या नहीं है। जिसकी वजह से लाइन ट्रिपिंग की समस्या आए। लेकिन इन दावों के इतर कुछ खास एरिया को छोड़ ज्यादातर मुहल्लों में बिजली के लुका छुपी का खेल चल रहा है। सुंदरपुर, नेवादा, नरिया, लंका, अवलेशपुर, कंचनपुर, चितईपुर, सारनाथ, पहडिया, सारंग तालाब, सिगरा, महमूरगंज, नदेसर आदि क्षेत्रों में लोग कही दो घंटे तो कही 10-10 घंटे बिजली कटौती की समस्या झेल रहे हैं।

ट्रिपिंग नहीं तो कैसे कट रही

अधिकारियों का कहना है कि बनारस नो ट्रिपिंग जोन में शामिल हो चुका है। 95 फीसदी तक ट्रिपिंग की समस्या समाप्त हो चुकी है। ऐसे में अब सवाल उठता है कि अगर ट्रिपिंग की समस्या समाप्त हो चुकी है तो फिर बेवक्त बिजली कैसे कट रही है। कहीं सुबह में ही बिजली गुल हो जा रही है तो कहीं शाम को बिजली के आने-जाने का सिलसिला शुरू हो जा रहा है। आधी रात में भी बिजली के आने-जाने का खेल चल रहा है।

सुबह मुख्य अभियंता ने मांगा स्पष्टीकरण

लंबे समय तक वीवीआइपी इलाके में हुई कटौती पर मुख्य अभियंता मनोज कुमार अग्रवाल ने सुबह 10:47 बजे अधिशासी अभियंता खंड प्रथम एसएच प्रसाद से स्पष्टीकरण मांगा। दोपहर 12:09 बजे एचएस प्रसाद ने मुख्य अभियंता को अवगत कराया कि केबल सेक्शन में फाल्ट आने से विद्युत आपूर्ति बहाल करने में देर हुई है।

वाराणसी में बिजली इंतजाम

4000 के करीब लगे हैं टांसफार्मर बनारस में

20 के करीब हैं मोबाइल ट्रांसफार्मर

3, 26,107 लाख कुल बिजली उपभोक्ता हैं बनारस में

700 मेगावाट बिजली की खपत है रोजाना

450 मेगावाट बिजली की खपत शहरी क्षेत्र में

250 मेगावाट बिजली की खपत है ग्रामीण क्षेत्र में

क्षेत्र के जेई और एसडीओ की जिम्मेदारी है कि वह उपभोक्ताओं का काल रिसिव करें

दिन में या देर रात कही भी बिजली कटती हैं तो संबंधित क्षेत्र के जेई और एसडीओ की जिम्मेदारी है कि वह उपभोक्ताओं का काल रिसिव करें। अगर कोई ऐसा नहीं करता हैं तो उसके खिलाफ विभाग कार्रवाई करने के लिए बाध्य होगा।

मनोज अग्रवाल, चीफ इंजीनियर,  पीवीवीएनएल

डिस्मेंटलिंग वर्क के लिए शट डाउन लिया जा रहा है

ऐसा नहीं है कि बिजली की कटौती हो रही है। जहां कहीं भी पावर कट हुआ है वहां समस्या लोकल फाल्ट की वजह से आ रही होगी। अगर कहीं पावर सप्लाई नहीं है तो वहां डिस्मेंटलिंग वर्क के लिए शट डाउन लिया जा रहा है।

एसएच प्रसाद, एसई, प्रथम


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