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वाराणसी में स्नातक स्तर पर यूपी कालेज में भी लागू होगा न्यूनतम समान पाठ्यक्रम

अब संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय व यूपी कालेज प्रशासन ने भी मंथन तेज कर दिया है। संस्कृत विश्वविद्यालय ने कामन सिलेबस के लिए संकायाध्यक्षों की समिति गठित कर दी है। वहीं यूपी कालेज में एक जून को हेड व डीन की बैठक बुलाई गई है।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Tue, 01 Jun 2021 01:21 PM (IST)Updated: Tue, 01 Jun 2021 01:49 PM (IST)
वाराणसी में स्नातक स्तर पर यूपी कालेज में भी लागू होगा न्यूनतम समान पाठ्यक्रम
अब संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय व यूपी कालेज प्रशासन ने भी मंथन तेज कर दिया है

वाराणसी, जेएनएन। राष्ट्रीय शिक्षा नीति तहत विश्वविद्यालयों व महाविद्यालयों में सत्र 2021-22 में स्नातक स्तर पर न्यूनतम समान पाठ्यक्रम लागू होना है। शासन ने इसके लिए सूबे के विश्वविद्यालयों व स्वायत्तशासी महाविद्यालयों से कामन सिलेबस का विभागीय अध्ययन बोर्ड से अनुमोदन कराने का निर्देश दिया गया है। महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ की विभागीय अध्ययन बोर्ड समाज कार्य, हिंदी सहित अन्य कई पाठ्यक्रमों को हरी झंडी दे चुकी है। इस क्रम में अब संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय व यूपी कालेज प्रशासन ने भी मंथन तेज कर दिया है। संस्कृत विश्वविद्यालय ने कामन सिलेबस के लिए संकायाध्यक्षों की समिति गठित कर दी है। वहीं यूपी कालेज में एक जून को हेड व डीन की बैठक बुलाई गई है।

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सभी विश्वविद्यालयों में अपने स्तर से पाठ्यक्रमों में तीस फीसद संशोधित कर लागू करने की छूट दी गई है। विश्वविद्यालय स्तर गठित होने वाली समितियों को राष्ट्रीय शिक्षा नीति पहली यूनिट में भारतीय ज्ञान परंपरा से संबंधित विषय वस्तु रखने का निर्देश दिया गया था। इसके अलावा शोध को बढ़ावा देने के लिए प्रथम व द्वितीय वर्ष में रिसर्च ओरिएंटेड जोड़ने का सुझाव दिया गया था तथा तीसरे वर्ष प्रोजेक्ट वर्क रखा गया है। वहीं स्नातक स्तर पर न्यूनतम समान पाठ्यक्रम आठ सेमेस्टरों में तैयार किया गया है ताकि आने वाले समय में चार वर्षीय स्नातक पाठ्यक्रम लागू किया जा सके।

स्नातक के चार वर्षीय पाठ्यक्रम में बीच में पढ़ाई छोड़ देने के बाद भी विद्यार्थियों का साल नहीं बर्बाद होगा। एक वर्ष पूर्ण करने वाले विद्यार्थियों को सर्टिफिकेट मिलेगा। इसी प्रकार दूसरे वर्ष डिप्लोमा, तीसरे वर्ष एडवांस डिप्लोमा व चौथे वर्ष डिग्री मिलेगी। स्नातक करने के बाद विद्यार्थी सीधे रिसर्च भी कर सकता है। यूजीसी की गाइड लाइन के अनुसार काशी विद्यापीठ व यूपी कालेज में अगले सत्र से एनसीसी इलेक्टिव कोर्स शुरू किया जाएगा।


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