वाराणसी रेलवे वर्कशॉप में स्थापित होंगे मिनी ऑक्सीजन प्लांट, मुख्यालय को भेजी गई डिमांड
सभी क्षेत्रीय रेलवे संस्थानों में ऑक्सीजन की खपत और उनकी उपयोगिता का ब्यौरा मांगा गया है। ताकि जल्द से जल्द वर्कशॉप का काम निर्बाध रूप से चल सके। मांग के अनुरूप मंडल कार्यालय से रेलवे बोर्ड को रिपोर्ट प्रेषित किया जा रहा है।
वाराणसी, जेएनएन। कोरोना वायरस की दूसरी लहर में ऑक्सीजन की किल्लत का संकट पूरे देश में उजागर हुआ। इसके चलते बड़े- बड़े कल कारखाने और उत्पादन इकाइयों में काम ठप पड़ गए। भरतीय रेलवे ने इस संकट का समाधान निकालते हुए रेलवे स्टेशन के वर्कशॉप और उत्पादन इकाईयो में मिनी ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने की योजना बनाई है। इसके तहत सभी क्षेत्रीय रेलवे संस्थानों में ऑक्सीजन की खपत और उनकी उपयोगिता का ब्यौरा मांगा गया है। ताकि जल्द से जल्द वर्कशॉप का काम निर्बाध रूप से चल सके। मांग के अनुरूप मंडल कार्यालय से रेलवे बोर्ड को रिपोर्ट प्रेषित किया जा रहा है।
केंद्र सरकार की पहल से देश काफी हद तक ऑक्सीजन की कमी के संकट से उबर भी चुका है। इसके लिए विभिन्न स्रोतों से प्राप्त ऑक्सीजन की देशभर में आपूर्ति हुई। उत्पादन इकाइयों के कोटे के ऑक्सीजन भी जीवन बचाने की जंग में सौप दिए गए। भरतीय रेलवे पर इसका असर पड़ा। यहां वर्कशॉप और रेलवे स्टेशन पर वेल्डिंग व मरम्मत कार्य में प्रयुक्त इंडस्ट्रियल ऑक्सीजन की भी किल्लत हो गई।
वर्कशॉप में ऑक्सीजन की खपत कम: रेलवे के वर्कशॉप और उत्पादन इकाइयों में ऑक्सीजन की खपत कम होती है। वेल्डिंग और मरम्मत कार्य में ही इसका इस्तेमाल किया जाता है। आंकड़ों के अनुसार पूर्वोत्तर रेलवे वाराणसी मंडल में हर महीने चार सौ लीटर ऑक्सीजन की खपत होती है। लखनऊ मंडल के कैंट स्टेशन पर दो सौ लीटर ऑक्सीजन की खपत होती है। बनारस लोको वर्कशॉप (बीएलडब्लू) में भी औसतन इतनी ही खपत होती है। आपात स्थिति में यहां निर्धारित कोटे के ऑक्सीजन का चिकित्सकीय कार्य में प्राथमिकता के आधार पर उपयोग किया गया।
रेलवे अस्पतालों में मिल चुकी है स्वीकृति: रेलवे अस्पतालों में मेडिकल ऑक्सीजन प्लांट स्थापित करने की स्वीकृति पहले ही मिल चुकी है। टाइप- 2 के अस्पतालों में प्लांट लगाने का काम भी शुरू हो चुका है। इसके तहत सीएसआर (कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसबिलिटी) फंड से बनारस लोको वर्कशॉप (बीएलडब्यू) में 610 एलपीएम (लीटर पर मिनट) का संयंत्र स्थापित किया जा रहा है। कानपुर की एक कंपनी ने बीएलडब्यू अस्पताल में प्लांट स्थापित करने का जिम्मा उठाया है।