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बगैर परीक्षा के अगली कक्षा में प्रोन्नत होंगे वाराणसी के परिषदीय विद्यालय के लाखों छात्र

जूनियर हाईस्कूल स्तर के विद्यालयों का वर्तमान सत्र कोरोना संक्रमण की भेंट चढ़ गया है। वर्तमान शैक्षणिक सत्र में जूनियर हाईस्कूल स्तर के विद्यालयों का ताला अब तक नहीं खुल सका है। जब कि ढाई माह में नया सत्र शुरू होगा।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Fri, 15 Jan 2021 08:30 AM (IST)Updated: Fri, 15 Jan 2021 09:34 AM (IST)
बगैर परीक्षा के अगली कक्षा में प्रोन्नत होंगे वाराणसी के परिषदीय विद्यालय के लाखों छात्र
जूनियर हाईस्कूल स्तर के विद्यालयों का वर्तमान सत्र कोरोना संक्रमण की भेंट चढ़ गया है।

वाराणसी, जेएनएन। जूनियर हाईस्कूल स्तर के विद्यालयों का वर्तमान सत्र कोरोना संक्रमण की भेंट चढ़ गया है। वर्तमान शैक्षणिक सत्र में जूनियर हाईस्कूल स्तर के विद्यालयों का ताला अब तक नहीं खुल सका है। जब कि ढाई माह में नया सत्र शुरू होगा। इसे देखते हुए बेसिक शिक्षा विभाग के परिषदीय विद्यालयों में बगैर परीक्षा के बच्चों को अगली कक्षा में प्रोन्नत करने के लिए मंथन शुरू कर दिया गया है। इस बार भी परीक्षा होने की उम्मीद नहीं है। ऐसे में बिना परीक्षा में शामिल हुए एक से कक्षा आठ तक के लाखों बच्चों का अगली कक्षा में जाना तय माना जा रहा है।

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राइट-टू-एजुकेशन (आरटीई) के तहत कक्षा आठ तक के बच्चों को अनुत्तीर्ण करने का प्रावधान नहीं हैं। ऐसे में निजी विद्यालयों ने आंतरिक मूल्यांकन के आधार पर बच्चों को अगली कक्षा में प्रोन्नत करने पर विचार कर रहे हैं। ज्यादातर निजी विद्यालयों में शिक्षकों को आनलाइन क्लास के साथ बच्चों का आंतरिक मूल्यांकन करने का भी निर्देश दिया जा रहा है। वहीं, परिषदीय विद्यालयों में आनलाइन क्लास के संग सितंबर से ही मोहल्ला स्कूल का संचालन किया जा रहा है।

इसके तहत शिक्षक बच्चों के गांव-गांव, मोहल्ला-मोहल्ला जाकर पढ़ाने में जुटे हुए हैं। हालांकि तमाम प्रयासों के बावजूद मोहल्ला स्कूल में बच्चों की उपस्थिति 50 से 60 फीसद तक ही पहुंची है। तमाम बच्चे मोहल्ला स्कूल में भी पढऩे नहीं आ रहे हैं। वहीं, कोरोना महामारी के चलते इस बार परिषदीय विद्यालयों में अद्र्ध वार्षिक परीक्षाएं नहीं कराई गईं। अब वार्षिक परीक्षाएं भी होने की संभावना नहीं हैं।

नए सत्र की तैयारी शुरू

बीएसए ने बताया कि अब वर्तमान सत्र में महज ढाई माह और बचे हुए हैं। इसे देखते हुए अब अगले सत्र में दाखिले की रूपरेखा बनाई जा रही है। अगले सत्र में जनपद में पचास हजार से एक लाख बच्चों का नामांकन और बढ़ाने का लक्ष्य रखा गया है। इस दिशा में अभी से प्रयास शुरू कर दिया गया है।

वार्षिक परीक्षाओं के संबंध में निर्णय लेना नीतिगत मामला

वार्षिक परीक्षाओं के संबंध में निर्णय लेना नीतिगत मामला है। शासन का जो भी निर्देश होगा उसका पालन किया जाएगा। वैसे वार्षिक परीक्षाएं होने की उम्मीद नहीं हैं। इसे देखते हुए शिक्षकों से बच्चों का आंतरिक मूल्यांकन करने का निर्देश दिया गया है। वहीं, सेवापुरी ब्लाक में बच्चों का लर्निंग लेवल चेक करने के लिए परीक्षा भी कराई गई थी।

- राकेश सिंह, जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी


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