मिलावट से मौत पर आजीवन कारावास का प्रावधान, मगर विभाग ही नहीं लेता संज्ञान
यदि मिलावटी खाद्य सामग्री के सेवन से किसी की मौत हो जाती है तो आरोपित को आजीवन कारावास भी हो सकता है।
वाराणसी, जेएनएन। दूध समेत खाद्य पदार्थो में मिलावट को लेकर प्रदेश सरकार ने सख्त प्रावधान किए हैं जिसके तहत यदि मिलावटी खाद्य सामग्री के सेवन से किसी की मौत हो जाती है तो आरोपित को आजीवन कारावास भी हो सकता है। गंभीर हानि होने पर छह वर्ष का कारावास व पांच लाख रुपये का जुर्माना लगेगा। ऐसे ही थोड़ी हानि पर एक साल की सजा व तीन लाख जुर्माना है। वहीं कोई हानि नहीं होने पर भी छह माह का कारावास व एक लाख का जुर्माना होगा।
अभिहित अधिकारी खाद्य सुरक्षा संजीव सिंह ने कहा कि जगतपुर की कंपनी में छापेमारी के दौरान दूध में मिलावट की पुष्टि हुई है लेकिन इससे कोई हानि की जानकारी अभी तक नहीं मिली है। सैंपल की जांच लखनऊ भेजी गई थी। जहां से 20 मई की देर रात रिपोर्ट आई तो 21 मई को कार्रवाई शुरू हुई। बताया कि खाद्य सुरक्षा अधिनियम के तहत कार्रवाई शुरू की गई है। आरोप तय करते हुए आरोपित के खिलाफ छह माह कारावास के साथ ही एक लाख जुर्माने लगाने की कार्यवाही की जा रही है।
इन तत्वों के मिलावट की होती जांच : दूध में डिटर्जेट, न्यूट्रिलाइजर, केमिकल, स्टार्च, फेट, एसएनएफ, सोडियम कार्बोनेट, सोडियम बाय-कार्बोनेट, सल्फेट, यूरिया सहित अन्य तत्वों के मिलावट होने की जाच की जाती है।
हो सकता है दिल का रोग, कैंसर भी: फिजीशियन एसोसिएशन आफ इंडिया के वाराणसी अध्यक्ष डा. पीके तिवारी का कहना है कि मिलावटी दूध पीने से शरीर पर कई तरह के दुष्प्रभाव पड़ सकते हैं। यूरिया, कॉस्टिक सोडा और इसमें मौजूद फोरमेलिन से गैस्ट्रोइंटराइटिस, दिल के रोग, कैंसर आदि हो सकते हैं। दूध में मिले डिटजर्ेंट से पाचन तंत्र की गड़बड़ियां और फूड प्वाइजनिंग हो सकती हैं। उच्च एल्केलाइन से शरीर के तंतु क्षतिग्रस्त और प्रोटीन नष्ट हो सकते हैं। दूध में पानी की मिलावट सबसे ज्यादा होती है, जिससे इसकी पौष्टिकता कम हो जाती है। अगर पानी में कीटनाशक और भारी धातुएं मौजूद हों तो ये सेहत के लिए खतरनाक हैं।
फलफूल रहा अवैध कारोबार रोहनिया थाना क्षेत्र में अवैध धंधो का कारोबार खूब फलफूल रहा है। मिलावटी तेल, नकली शराब व सीमेंट का कारोबार, अवैध पटाखा कारखाना आदि का भंडाफोड़ भी हुआ है। इसके बाद भी मोहनसराय से लेकर रामनगर तक छड़, सीमेंट, कोयला, डीजल पेट्रोल की मिलावट, अनाज की कटिंग, पशु व शराब तस्करी, गाड़ी सिजरों का गिरोह, जमीन से जुड़े अवैध कारोबार फलफूल रहा है।
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