मिड-डे मील : सवा किलो दाल में बना दिया प्राथमिक व माध्यमिक विद्यालय में 88 बच्चों का भोजन
प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों में बच्चों के लिए चलाई जा रही मध्याह्न भोजन योजना (मिड-डे मील) अधिकारियों की उदासीनता की भेंट चढ़ती जा रही है।
वाराणसी, जेएनएन। प्राथमिक और माध्यमिक विद्यालयों में बच्चों के लिए चलाई जा रही मध्याह्न भोजन योजना (मिड-डे मील) अधिकारियों की उदासीनता की भेंट चढ़ती जा रही है। बच्चों को मेन्यू के हिसाब से भोजन जरूर परोसा जा रहा है, लेकिन निगरानी के अभाव में उसकी गुणवत्ता दिन-ब-दिन गिरती जा रही है। दैनिक जागरण टीम मंगलवार को जनपद के चुनिंदा विद्यालयों में मिड-डे मील की गुणवत्ता की पड़ताल करने पहुंची। कई विद्यालयों में भोजन तो मेन्यू के हिसाब से बनते दिखे, लेकिन परोसते समय गुणवत्ता के दावों की परतें खुलने लगीं। विद्यालय में वितरण के लिए सेंट्रलाइज्ड किचन से चावल संग सब्जीयुक्त दाल आई। कहीं अरहर की दाल में बथुआ, कहीं पालक, तो कहीं लौकी पड़ी थी। बड़ी बाजार स्थित प्राथमिक विद्यालय माता प्रसाद में छात्र-छात्राओं के लिए सवा किलोग्राम अरहर की दाल में तीन पाव बथुआ का साग प्रयोग किया गया था। दाल इतनी पतली थी कि परोसते ही फैल गई। बथुआ खोजने पर दाल में नजर आया। इस बारे में बीएसए जय सिंह ने कहा कि जनपद के प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों में भोजन की आपूर्ति बाल विकास परियोजना संरक्षण की ओर से की जाती है। भोजन की जांच बराबर होती है। जो भी गलत कर रहा है उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।
रसोईघर में लटकता मिला ताला
बड़ागांव के अधिकांश विद्यालयों में मेन्यू के अनुसार भोजन बने, लेकिन खंड शिक्षा अधिकारी-बड़ागांव परिसर स्थित पूर्व माध्यमिक विद्यालय के रसोईघर में ताला लटकता मिला। विद्यालय में उपस्थित सभी 236 छात्र-छात्राओं को खाली पेट ही वापस लौटना पड़ा। इस बाबत प्रिंसीपल निर्मला देवी ने बताया कि गैस सिलेंडर की पाइप से गैस लीकेज होने के कारण भोजन नहीं बन पाया।
अरहर की दाल में मटर दाल की मिलावट
बड़ागांव प्राथमिक विद्यालय प्रथम व द्वितीय सहित प्राथमिक विद्यालय कुसही में भोजन बना जरूर था, मगर अरहर की दाल में मटर दाल की मिलावट की गई थी।
विद्यार्थियों के सामने तू-तू, मैं-मैं
अभिभावक अपने बच्चों को विद्यालय इसलिए भेजते हैं कि वे अपने शिक्षक के आदर्शों का अनुसरण करते हुए न सिर्फ तालीम हासिल करें, बल्कि संस्कार भी ग्रहण करें। मगर प्राथमिक विद्यालय माता प्रसाद में इस विश्वास से पर्दा उठा दिया। भोजन परोसने के दौरान शिक्षामित्र व प्रिंसीपल के बीच जोरदार बहस छिड़ गई। आरोप-प्रत्यारोप का भी दौर चला, तू-तू, मैं-मैं भी हुई। छोटे-छोटे बच्चों के सामने स्तरहीन शब्दों का जमकर प्रयोग किया गया। यह केवल एक दिन की घटना नहीं थी। आस-पास के लोगों के मुताबिक ऐसा यहां अक्सर होता रहता है। इस संदर्भ में पूछे जाने पर बीएसए ने शिकायत मिलने पर कार्रवाई की बात कही जबकि प्रिंसीपल के मुताबिक उक्त प्रकरण में लिखित शिकायत की गई थी, जिस पर आज तक र्कारवाई नहीं हुई।
इन विद्यालयों में हुई पड़ताल
प्राथमिक विद्यालय माता प्रसाद बड़ी बाजार, प्राथमिक विद्यालय ढेलवरिया, प्राथमिक कन्या विद्यालय पिशाच मोचन, प्राथमिक कन्या विद्यालय नगवां, प्राथमिक विद्यालय दुर्गाकुंड, प्राइमरी इंग्लिश स्कूल जफराबाद, बरस्ता प्राथमिक विद्यालय, प्राथमिक विद्यालय शकलपुर, प्राथमिक विद्यालय जमापुर, प्राथमिक विद्यालय रामपुर, थाना प्राथमिक विद्यालय, प्राथमिक विद्यालय अखरी, भोपापुर जूनियर स्कूल, भटौली जूनियर स्कूल, औसानपुर प्राथमिक विद्यालय, औसानपुर जूनियर स्कूल, प्राथमिक विद्यालय ठटरा, प्राथमिक विद्यालय भिटारी, अखरी प्राइमरी विद्यालय, हरदत्तपुर प्राथमिक विद्यालय।
यह है भोजन का मेन्यू
सोमवार : रोटी, सोया सब्जी व फल
मंगलवार : चावल- सब्जीयुक्त दाल
बुधवार : तहरी एवं दूध
गुरुवार : रोटी, सब्जीयुक्त दाल अथवा दलिया
शुक्रवार : सब्जी व सोयाबीन युक्त तहरी
शनिवार : सब्जी, चावल