पारा 40 डिग्री के पार तो तरावट का बढ़ गया कारोबार, जानिए गर्मी के असर से बचने का उपाय
अप्रैल के पहले सप्ताह में ही गर्मी ने अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। दोपहर में पारा चालीस डिग्री का मनोवैज्ञानिक असर पार कर चुका है। जबकि दिन में सूर्यदेव की तपिश से पारा भी चढ़ने लगा है।
चंदौली, जेएनएन। अप्रैल के पहले सप्ताह में ही गर्मी ने अपने तेवर दिखाने शुरू कर दिए हैं। दोपहर में पारा चालीस डिग्री का मनोवैज्ञानिक असर पार कर चुका है। जबकि दिन में सूर्यदेव की तपिश से पारा भी चढ़ने लगा है। इसी के साथ शहरवासी भी इससे निजात पाने के लिए खाद्य पदार्थों में ही विकल्प तलाश रहे हैं। इनमें सबसे बड़ा और सस्ता विकल्प साबित हो रहे हैं खीरा और ककड़ी। विशेषज्ञों की मानें तो खीरा हमारे शरीर में पानी की भरपूर पूर्ति करता है। इसलिए ही अब इनकी मांग तेजी से बढ़ रही है। खीरा व ककड़ी झुलसती गर्मी में रसोई से लेकर लोगों के खाने की थाली में भी खूब दिखेंगे।
नगर सहित ग्रामीण अंचलों में अप्रैल माह के पहले सप्ताह में पड़ रही भीषण गर्मी के कारण लोगों की परेशानी काफी बढ़ गया है। सुबह से लेकर शाम तक चिलचिलाती धूप के कारण लोगों का सड़क पर निकलना काफी परेशानी का सबब बनता जा रहा है। गर्मी व तीखी धूप के कारण दोपहर तक सड़कें पूरी तरह से वीरान नजर आ रही हैं। दोपहर के वक्त लोगों का घरों से निकलना मुश्किल हो रहा है। लोग गर्मी से राहत पाने के लिए इन फलों व शीतल पेय पदार्थों का प्रयोग कर रहे हैं। बढ़ती गर्मी के कारण नगर के चौक-चौराहों पर नींबू पानी, शिकंजी के ठेले सजने लगे हैं। कारोबारी भी अब दुकानों पर ठंडे का कारोबार बढ़ा रहे हैं। कहीं दही की लस्सी है तो कहींं सत्तू की लस्सी गले की तरावट बढ़ा रही है।
गर्मी की शुरुआत होते ही बाजार में आम, तरबूज, अंगूर, खीरा और ककड़ी की दुकानें सजने लगी हैं। इन दिनों ठंडे फलों की मांग बढ़ रही है। आम, तरबूज के अलावा खीरा और ककड़ी की मांग भी खूब बढ़ी है। सब्जी मंडी से लेकर सड़क किनारे तक खीरा और ककड़ी की भी खूब खरीदारी हो रही है। ककड़ी और खीरा शरीर को ठंडा रखने में बहुत फायदेमंद होते हैं। इसकी बिक्री जोरों पर है। ककड़ी 40 रुपये प्रति किलो तो खीरा 15 से 20 रुपये प्रति किलो तक बिक रहा है। कोल्ड ड्रिंक, लस्सी, सोड़ा, आम का पना ही नहीं बल्कि नींंबू पानी के साथ बेल के शर्बत के ठेले भी बाजार में धूप से राहत देने के लिए मौजूद हैं। हालांकि, कारोबारी मान रहे हैं कि कोरोना वायरस के खतरों को देखते हुए ग्राहकों की भीड़ कम आ रही है। चिकित्सकों के अनुसार पानी किसी भी स्वरूप में शरीर में जाने से फायदा होगा, जबकि खीरा, ककड़ी, खरबूज और तरबूज से खनिज की भी शरीर में आपूर्ति हो जाती है।