Mega Virtual Carpet Fair : मशीन मेड कारपेट बेचने वाले देश भी अब हस्तनिर्मित कालीन के मुरीद
मेगा वर्चुअल कारपेट फेयर शुरू हो चुका है। दुनिया भर के 56 देशों के 300 आयातक इसमें हिस्सा लिये हैं। 27 से 31 जनवरी तक आयोजन में अबकी चीनी आयातकों को हिस्सा लेने से मना कर दिया गया है। ड्रैगन पर पाबंदी लगाई गई है।
भदोही [संग्राम सिंह]। मेगा वर्चुअल कारपेट फेयर शुरू हो चुका है। दुनिया भर के 56 देशों के 300 आयातक इसमें हिस्सा लिये हैं। 27 से 31 जनवरी तक आयोजन में अबकी चीनी आयातकों को हिस्सा लेने से मना कर दिया गया है। ड्रैगन पर पाबंदी लगाई गई है। अभी तक चीनी आयातकों से प्रति वर्ष 500 करोड़ का कारोबार होता था, उनके स्थान पर रुस से अलग हुए सात नए देशों को जोड़ा गया है।
वे अगस्त 2020 में पहले वर्चुअल फेयर का हिस्सा नहीं थे। इन देशों के आयातक मशीन मेड कारपेट का कारोबार करने के लिये ख्यात हैं, लेकिन पहली बार उन्होंने हस्तनिर्मित कालीन को लेकर दिलचस्पी दिखाई है। अलबानिया, बेलारुस, बुलगारिया, कंबोडिया, हंगरी, लिथुआनिया और पेरु के 25 नए आयातकों ने पंजीकरण कराया है। बुधवार को कई आयातकों ने भारतीय निर्यातकों से कालीनों के सेंपल भी मांगे हैं। यकीनन, उनके जुडऩे से भारतीय निर्यातकों में उत्साह का संचार हुआ है। उनसे बेहतर कारोबार की उम्मीद जवां हुई है।
फेयर को प्रमोट करने में जुटी सरकार
वर्चुअल फेयर में दुनिया भर के आयातकों के लिये 200 भारतीय निर्यातकों ने कारोबारी मंच सजाया है, इसमें भदोही, मीरजापुर, वाराणसी और आगरा की हिस्सेदारी 50 फीसद है। कारण कि प्रदेश सरकार ने 60 फीसद पंजीकरण शुल्क खुद जमा किया है। केंद्र सरकार भी फेयर को प्रमोट करने में जुटी हुई है। एक निजी कंपनी को प्रमोशन का ठेका दिया गया है। केंद्रीय मंत्री स्मृति ईरानी वीडियो संदेश के जरिये आयातक और निर्यातकों को अंतरराष्ट्रीय मंच देने का भरोसा दिला रही हैं। सीईपीसी इंटरनेट मीडिया पर प्रस्तुतिकरण दे रहा है।
इंडिया कारपेट एक्सपो की तैयार हो रही जमीन
भदोही के कारपेट एक्सपो मार्ट में पहला इंडिया कारपेट एक्सपो आयोजित होना है। यहां कई और मेला होना है। दिसंबर 2020 में सीएम योगी ने मार्ट का लोकार्पण किया था। मार्च-अप्रैल में एक्सपो आयोजित करने का खाका खींचा जा रहा है। कालीन निर्यात संवर्धन परिषद (सीईपीसी) फेयर मेें शामिल होने वाले आयातकों को इस आयोजन का हिस्सा बनने के लिये भी कहा जा रहा है।
रुस से अलग हुए सात नए देश इस बार वर्चुअल फेयर में जुड़े हैं
रुस से अलग हुए सात नए देश इस बार वर्चुअल फेयर में जुड़े हैं। कई और नए देशों को फेयर से कनेक्ट करने की कोशिश चल रही है। हम भारतीय निर्यात को बढ़ाने के लिये और भी प्लान कर रहे हैं।
-सिद्धनाथ सिंह, चेयरमैन, कालीन निर्यात संवर्धन परिषद