वाह तेम्सतुला! 'स्वच्छता पथ' पर काशी को आगे पहुंचाया
वर्ष 2012 में जापान से आईं तेम्सतुला इमसोंग लोगों में गंगा के किनारे घाटों को साफ-सुथरा रखने के लिए कई वर्षों से जागरुकता की अलख जगा रही हैं।
यह उनके ही प्रयास है कि बनारस आज स्वच्छता सर्वेक्षण की रैंकिंग में दो वर्षों से लगातार प्रदेश का सरताज है। नगर निगम उन्हें अपना ब्रांड एंबेसडर मानता है, उन्हें यह उपाधि यूं ही नहीं मिली। धीरे-धीरे उन्हें स्वच्छता के पथ पर चलते हुए पांच बरस बीत गए, लेकिन पांव जरा भी नहीं ठिठके।
वर्ष 2012 में जापान से आईं तेम्सतुला इमसोंग लोगों में गंगा के किनारे घाटों को साफ-सुथरा रखने के लिए कई वर्षों से जागरुकता की अलख जगा रही हैं। खुद प्रधानमंत्री ने उनके कार्यों की सराहना की है। वह अपने एनजीओ के काम से बनारस आईं थी। अध्यात्म की नगरी में गंदगी देख दु:खी हुईं, खासकर गंगा नदी और घाटों को देखकर, यहां गंदगी के साथ खुला शौचालय था। उत्सुकता जगी और उन्होंने काशी को स्वच्छ करने की बीड़ा उठाई। वे अपने चंद दोस्तों के साथ प्रभुघाट पर सफाई करनी शुरू कर दी।
अपने शहर को शानदार बनाने की मुहिम में शामिल हों, यहां करें क्लिक और रेट करें अपनी सिटी
शूलटंकेश्वर क्षेत्र में सफाई करने के साथ गांव, बस्ती और मोहल्लों में स्वच्छता को लेकर अभियान चलाया। वह बनारस से ऐसी जुड़ी की यहां की ही होकर रह गई। स्वच्छता अभियान में उनके पति ने बखूबी साथ दिया।
कूड़ों से कंपोस्ट की व्यवस्था हो
सकार सेवा समिति से जुड़ी तेम्सतुला इमसोंग का कहना है कि पीएम का संसदीय क्षेत्र होने के कारण काशी में स्वच्छता को लेकर काफी कुछ हो रहा है, लेकिन लोगों में उत्सुकता होनी चाहिए। क्लीनेस्ट सिटी बनाने के लिए लोगों को खुद स्मार्ट बनना होगा। लोगों के घरों से निकले कूड़ों को कंपोस्ट करने की व्यवस्था करनी होगी। घरों से डोर-टू-डोर कूड़ा कलेक्शन हो रहा है, लेकिन उसे शहर में ही एक निश्चित स्थान पर फेंक दिया जाता है, उसे समय से उठाया नहीं जाता है। समय से कूड़ा उठ जाए तो काफी हद तक शहर स्वच्छ होगा।
सड़क किनारे नहीं रखा जाए कंटेनर
तेम्सतुला कहतीं हैं कि सड़क के किनारे रखे कंटेनर के आसपास ज्यादा गंदगी होती है। लोग कंटेनर के पास उसमें कूड़ा डालने की बजाय दूर से फेंक देते हैं, वह अंदर नहीं जाकर बाहर सड़क पर बिखर जाता है। कंटेनर को सड़क पर रखने की बजाय एक किनारे रखना चाहिए, जहां से किसी का आना-जाना नहीं हो। वहां से सुबह-शाम कूड़ा उठाया जाए। 'मिशन परिजात' के लिए प्रधानमंत्री ने मुझे ट्वीट किया तो मेरा हौसला और बढ़ गया।