वाराणसी: सीएसआर ने खोले विकास के दरवाजे, स्कूलों में सजे डेस्क बेंच
नाल्को के सहयोग से जनपद के 14 विद्यालयों का कायाकल्प हो चुका है। पहले जहां विद्यालय की भवन बरसात में टपकती थी।
प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में परिषदीय विद्यालयों की स्थिति अब बदल रही है। कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसबिलिटी (सीएसआर) फंड के तहत नगर के सभी 111 विद्यालयों में डेस्क-बेंच उपलब्ध कराए जा चुके हैं। ऐसे में इन विद्यालयों में दरी सिमट चुका है। निजी विद्यालयों की भांति इन सरकारी विद्यालयों के बच्चे भी अब डेस्क-बेंच पर बैठकर अध्ययन कर रहे हैं।
हालांकि परिषदीय विद्यालयों में संसाधनों का टोटा बना हुआ था। ज्यादातर विद्यालयों में बच्चों को बैठने के लिए डेस्क-बेंच तक नहीं थी। कई विद्यालयों के भवनों की स्थिति जर्जर हो गई थी। इसे देखते हुए जनपद के आला अधिकारियों ने नेशनल एल्युमिनियम कंपनी (नाल्को) से संपर्क किया।
नाल्को सीएसआर फंड सरकारी विद्यालयों के विकास में लगाने के लिए तैयार हो गई। इस क्रम में जनपद के 139 विद्यालयों को नाल्को से 5021 डेस्क-बेंच उपलब्ध कराया। यहीं नहीं नाल्को ने 91 विद्यालयों में रनिंग वाटर और 101 विद्यालयों के बच्चों को शुद्ध पेयजल आरओ भी लगवाया है।
14 विद्यालयों का हुआ कायाकल्प
नाल्को के सहयोग से जनपद के 14 विद्यालयों का कायाकल्प हो चुका है। पहले जहां विद्यालय की भवन बरसात में टपकती थी। इसे ध्वस्त कर इसके स्थान पर नए कक्ष का निर्माण कराया जा चुका है।
ऑडियो-वीडियो के माध्यम से पढ़ाई
कई विद्यालयों में परंपरागत ब्लैक बोर्ड बदल चुके हैं। इनके स्थान पर अब व्हाइट बोर्ड पर पढ़ाई हो रही है। यही नहीं 21 विद्यालयों में ऑडियो-वीडियों के माध्यम से पढ़ाई हो रही है। नाल्को के सहयोग से इन विद्यालयों में कंप्यूटर और प्रोजेक्टर की सुविधा उपलब्ध है।
जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी जय सिंह ने कहा कि नाल्को ने जनपद के सैकड़ों विद्यालयों को सीएसआर फंड से मदद की है। नाल्को के सहयोग से ही जनपद के करीब डेढ़ सौ से अधिक विद्यालयों की स्थिति बदल चुकी है। वहीं सर्व शिक्षा अभियान से मिले अनुदान से जनपद के 39 विद्यालयों के भवनों का मरम्मत हाल में ही कराया गया है।
सीएसआर फंड से हुए काम
- 139 विद्यालयों में 5021 डेस्क-बेंच
- 127 विद्यालयों में 522 व्हाइट बोर्ड
- 50 विद्यालयों में दो सेट कंप्यूटर
- 21 विद्यालयों में कंप्यूटर और प्रोजेक्टर
- 101 विद्यालयों में आरओ
- 91 विद्यालयों में रनिंग वाटर
- 14 विद्यालयों का वृहद मरम्मत का काम