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वाराणसी में अब 17 दिसंबर को होगा महापौर सम्मेलन, छावनी क्षेत्र के होटलों में ठहरने की व्यवस्था

विश्वनाथ धाम लोकार्पण समारोह व धाम यात्रा के तहत देश भर से आए महापौर का सम्मेलन भी आयोजित हो रहा है। हालांकि इसके आयोजन की तिथि बदल गई है। यह सम्मेलन जहां पहले 14 दिसंबर को होना था जो अब 17 दिसंबर को होगा।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Fri, 03 Dec 2021 10:49 AM (IST)Updated: Fri, 03 Dec 2021 10:49 AM (IST)
वाराणसी में अब 17 दिसंबर को होगा महापौर सम्मेलन, छावनी क्षेत्र के होटलों में ठहरने की व्यवस्था
विश्वनाथ धाम लोकार्पण व धाम यात्रा के तहत देश भर से आए महापौर का सम्मेलन भी आयोजित हो रहा है।

वाराणसी, जागरण संवाददाता। श्रीकाशी विश्वनाथ धाम लोकार्पण समारोह व धाम यात्रा के तहत देश भर से आए महापौर का सम्मेलन भी आयोजित हो रहा है। हालांकि, इसके आयोजन की तिथि बदल गई है। यह सम्मेलन जहां पहले 14 दिसंबर को होना था जो अब 17 दिसंबर को होगा। यह निर्णय मुख्यमंत्रियों के सम्मेलन को दृष्टिगत लिया गया है। भाजपा संगठन की ओर से जारी सूचना के अनुसार मुख्यमंत्री सम्मेलन 13 या 14 को हो सकता है।

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इसके लिए श्रीकाशी विश्वनाथ धाम स्थल का चयन हो रहा है। वहीं, महापौर सम्मेलन बरेका में होगा। करीब दो सौ महापौर सम्मेलन में शामिल होंगे। इसका एजेंडा ऐतिहासिक धरोहरों को लेकर अपने शहर में कराए गए कार्य हैं जिस पर महापौर अपनी बातें रखेंगे। महापौर सम्मेलन आयोजन की जिम्मेदारी नगर निगम प्रशासन को दी गई है। निगम ने उनके ठहरने की व्यवस्था छावनी के चार होटलों में की है। पहले बुकिंग 13 व 14 दिसंबर की हुई थी लेकिन अब तिथि बदलकर 17 दिसंबर कर दी गई है। दो दिवसीय प्रवास के दौरान महापौर का दल सारनाथ भ्रमण करेगा। बनारस क्लब में दोपहर का भोजन कराया जाएगा। नगर निगम प्रशासन ने सम्मेलन का आयोजन करने के लिए करीब 40 लाख रुपये का बजट बनाकर शासन को भेजा है। हालांकि, अनुमान के मुताबिक प्रस्तावित बजट से अधिक खर्च हो सकते हैं।

सर्किट हाउस कल से सीएम कैंप कार्यालय : श्रीकाशी विश्वनाथ धाम लोकार्पण कार्यक्रम की तैयारी मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की निगरानी में होगी। वह चार दिसंबर को ही बनारस आ जाएंगे और 14 दिसंबर तक प्रवास करेंगे। इस दौरान उनका पूर्वांचल समेत प्रदेश के अन्य कार्यक्रमों में शामिल होने का क्रम जारी रहेगा लेकिन रात में यहां ही विश्राम करेंगे। इसे देखते हुए प्रशासनिक स्तर पर तैयारी तेज हो गई है। सर्किट हाउस उनका कैंप कार्यालय बनाया जाएगा। सुरक्षा को ध्यान में रखते हुए मुख्यमंत्री के रहने तक अन्य लोगों का सर्किट हाउस में प्रवास नहीं हो सकेगा।


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