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Master Trainer Panchayat : वाराणसी में गांव को मिलेगा विकास को मुकाम, दक्ष होंगे ग्राम प्रधान

शासन ने गांवों के मुकम्मल विकास के लिए ग्राम प्रधानों को पंचायत के अधिकार व कार्यों को लेकर प्रशिक्षण का निर्देश दिया है। इसी क्रम में निदेशालय की ओर से जिलावार मास्टर ट्रेनर की तैनाती भी कर दी गई है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Wed, 15 Sep 2021 08:10 AM (IST)Updated: Wed, 15 Sep 2021 08:10 AM (IST)
Master Trainer Panchayat : वाराणसी में गांव को मिलेगा विकास को मुकाम, दक्ष होंगे ग्राम प्रधान
ग्राम प्रधानों को पंचायत के अधिकार व कार्यों को लेकर प्रशिक्षण का निर्देश दिया है।

जागरण संवाददाता, वाराणसी। शासन ने गांवों के मुकम्मल विकास के लिए ग्राम प्रधानों को पंचायत के अधिकार व कार्यों को लेकर प्रशिक्षण का निर्देश दिया है। इसी क्रम में निदेशालय की ओर से जिलावार मास्टर ट्रेनर की तैनाती भी कर दी गई है।

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शासन ने जारी आदेश में कहा है कि नई पंचायतों का गठन सभी जिलों में हो चुका है। पंचायत की पहली बैठक से लगायत समितियां भी काम करना शुरू कर चुकी हैं। पंचायत को धनराशि भी जारी की जा रही है। ऐसी स्थिति में पंचायतों को कार्यों को लेकर जानकारी देना आवश्यक है। क्योंकि बहुतायत पंचायतों में प्रतिनिधि नए चुने गए होंगे।

शासन ने 15 सिंतबर से दस अक्टूबर के बीच ग्राम पंचायतवार प्रशिक्षण देने का निर्देश दिया है। साथ ही यह भी कहा है कि जिले ग्राम पंचायतों की संख्या देखते हुए तय अवधि में तिथि निर्धारित ब्लाक पर एक साथ कई ग्राम पंचायतों को बुला सकती है। रिसोर्स पर्सन ग्राम प्रधानों व चुने सदस्यों को कार्य के बारे में अवगत कराएगी।

सिटीजन चार्टर भी मंथन

शासन के निर्देश पर सभी पंचायतों की ओर से सिटीजन चार्टर बनाया गया है। इसमें पंचायतों ने गांव में जरूरत के मुताबिक विकास कार्यक्रमों का खाका खींचा है। मास्टर ट्रेनर इसके अमल के तौर तरीके भी बताएंगे। ताकि कार्य को समय से मूर्तरूप दिया जा सके।

पंचायतों की आमदनी की भी प्रशस्त होगी राह

सभी पंचायतों को राजस्व को लेकर दिक्कत है। खर्चा एक रुपया है तो आमदनी चव्वनी है। सभी पंचायतों में सामुदायिक शौचालय व पंचायत भवन के निर्माण के बाद यह उम्मीद थी कि इससे पंचायतों की आमदनी बढ़ेगी। पंचायत भवन का स्वरूप अभी सामने नहीं आया लेकिन सामुदायिक शौचालय प्रत्येक गांवों में निॢमत हो चुका है। कुछ गांवों को छोड़ दे, कई गांवों में इससे कुछ भी खास आमदनी नहीं हो रही है। बल्कि खर्च भी नहीं निकल पा रहा है। सामुदायिक शौचालय पर तैनात केयर टेकर को छह हजार रुपये व तीन हजार रुपये साफ सफाई पर प्रतिमाह खर्च करने पड़ रहे हैं। बताया जा रहा है कि मास्टर ट्रेनर प्रशिक्षण के दौरान इस बाबत भी ग्राम प्रधानों को राह सुझाएंगे।

प्रशिक्षण की तिथि

- ब्लाक आराजीलाइन के 117 ग्राम प्रधानों को तीन बैच में 15 से 17 सितंबर तक प्रशिक्षण।

- बड़ागांव में 80 प्रधानों को दो बैच में 18 से बीस सितंबर तक प्रशिक्षण।

- चिरईगांव ब्लाक में 76 प्रधानों को दो बैच में 21 व 22 सितंबर को प्रशिक्षण

-- हरहुआ ब्लाक में 75 प्रधानों को 27 व 28 सितंबर को प्रशिक्षण।

-काशी विद्यापीठ में 66 ग्राम प्रधानों को दो बैच में 29 व 30 को प्रशिक्षण।

-पिंडरा ब्लाक में 104 प्रधानों को तीन बैच में एक अक्टूबर से पांच अक्टूबर तक प्रशिक्षण।

-सेवापुरी ब्लाक में 87 प्रधानों को दो बैच में छह व सात अक्टूबर को प्रशिक्षण।

- चोलापुर ब्लाक में 89 ग्राम प्रधानों को आठ व नौ अक्टूबर को प्रशिक्षण।


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