वाराणसी में 24 घंटे बिजली मुहैया कराने को भूमिगत केबल के लिए मास्टर प्लान तैयार
वाराणसी की बिजली व्यवस्था हाईटेक करने एवं निर्बाध 24 घंटे बिजली मुहैया कराने के लिए पूरे शहर में भूमिगत केबल के लिए मास्टर प्लान तैयार हो गया है।
वाराणसी,[मुकेश चंद्र श्रीवास्तव]। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसदीय क्षेत्र वाराणसी की बिजली व्यवस्था हाईटेक करने एवं निर्बाध 24 घंटे बिजली मुहैया कराने के लिए पूरे शहर में भूमिगत केबल के लिए मास्टर प्लान तैयार हो गया है। इसके लिए सर्वे का कार्य एनपीटीआइ (नेशनल पावर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट) कर रहा था। संस्थान ने इसकी रिपोर्ट पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम के एमडी को सौंप दी है। 15 जून को इस पर अंतिम मुहर लगने की उम्मीद है। सर्वे रिपोर्ट में अगले 50 साल तक के लिए रोडमैप तैयार किया गया है।
बिजली चोरी के साथ लाइन लॉस भी रुकी है
केंद्र सरकार की पहल पर कुछ साल पहले ही शहर के कुछ हिस्सों में अंडर ग्राउंड तार डाले गए थे। इसके कारण उन क्षेत्रों में विद्युत कटौती की समस्या अब ना के बराबर ही रह गई है। साथ ही बिजली चोरी भी काफी हद तक रूक गई है और लाइन लॉस भी। वहीं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पूरे शहर से लटके जर्जर तारों के जंजाल को हटाकर हाईटेक बिजली व्यवस्था करने को यह व्यवस्था लागू करने के निर्देश दिए। इसके बाद निगम ने सर्वे के लिए टेंडर निकाला। सरकारी संस्थान होने के कारण निगम ने एनपीटीआइ पर ही भरोसा जताया। वैसे तो सर्वे रिपोर्ट मार्च तक ही सौंपी थी, लेकिन इसी बीच कोरोना से बचाव को लॉकडाउन लग गया।
10 नए गैस इंसुलेटेड आधारित बिजली घर भी प्लान में
लॉकडाउन खुलने के बाद संस्थान ने प्रारंभिक रिपोर्ट बनाकर पिछले सप्ताह ही सौंप दी और निगम से पूछा कि अगर इसमें और कुछ संशोधन चाहते हैं तो बता दें। इस पर कार्रवाई बढ़ गई है। इस संबंध में सोमवार को निगम एवं संस्थान के आलाधिकारियों के बीच ऑनलाइन बैठक प्रस्तावित है। आईपीडीएस योजना के तहत बनारस में तारों को भूमिगत करने के साथ ही सभी विद्युत उपकेंद्रों की क्षमता वृद्धि एवं 10 नए जीआइ (गैस इंसुलेटेड) आधारित बिजली घर भी नए प्लान में शामिल हैं। कारण कि यह शहर बिना किसी प्लान के बसा हुआ है, जिसका दायरा और बढऩे लगा है। यहां कई ऐसे क्षेत्र हो गए हैं जहां की आबादी, कामर्शियल कांप्लेक्स, दुकानें बहुत अधिक बढ़ गई हैं, लेकिन वहां पर जगह का अभाव है। ऐसे में कुछ स्थानों पर अंडरग्राउंड सब स्टेशन भी बनाने की योजना तैयार की गई है।
फीडरों को भी आपस में जोड़ने की है योजना
इसके अलावा सभी उपकेंद्रों के साथ ही फीडरों को भी आपस में जोडऩे की योजना बनाई गई है। ताकि कहीं कोई खराबी होने पर दूसरे से जोड़कर आपूर्ति बहाल की जा सके। सर्वे में लंका, गोदौलिया, जैतपुरा, नदेसर आदि क्षेत्रों पर अधिक फोकस किया गया है। फरीदाबाद स्थित नेशनल पावर ट्रेनिंग इंस्टीट्यूट के महानिदेशक प्रो. आरके पांडेय के मुताबिक पूरे शहर में भूमिगत केबल एवं बिजली व्यवस्था हाईटेक करने के लिए हमने सर्वे रिपोर्ट निगम को सौंप दी है। इस पर एक बार फिर चर्चा होनी है। उम्मीद है सोमवार को फाइनल हो जाएगा। पूर्वांचल विद्युत वितरण निगम लिमिटेड, वाराणसी के प्रबंध निदेशक के बालाजी ने बताया कि एनपीटीआइ से सर्वे रिपोर्ट मिल गई है। उसमें कुछ संशोधन थे, जिसे पूरा कर लिया गया हैं। एक बार संस्थान के महानिदेशक से फिर चर्चा होनी है, जिसके बाद निर्णय लिया जाएगा।