आज विवाह बंधन में बंधेंगी 23 संवासिनियां, जैतपुरा स्थित संवासिनी गृह में गूंजते रहे मंगल गीत
पाश्चात्यवर्ती देखरेख नारी संगठन संवासिनी गृह जैतपुरा में मंगलवार को बस हंसी ठिठोली और मंगल गीतों की आवाज गूंजती रही।
वाराणसी, जेएनएन। पाश्चात्यवर्ती देखरेख नारी संगठन, संवासिनी गृह, जैतपुरा में मंगलवार को बस हंसी ठिठोली और मंगल गीतों की आवाज गूंजती रही। यहां संवासिनियों की हल्दी की रस्म अदा की गई। इस मौके पर सभी 23 संवासिनियां जिनका विवाह बुधवार को होना है उनका मंगल गीत के बीच गृह की कर्मचारी, अधिकारी व समाजसेवी महिलाओं द्वारा हल्दी की रस्म निभाई गई। पूरे आयोजन को काशी विश्वनाथ मंदिर के पुजारी गण संपन्न कराएंगे।
बन्ना बन्नी के गीतों पर थिरकीं संवासिनियां
गृह में एक तरफ ढोलक की थाप पर जहां महिलाएं विवाह गीत को सुरों में पिरो रही थीं तो वहीं संवासिनी गृह में रहने वाली अन्य लड़कियां बन्ना-बन्नी के गीत पर थिरक रही थीं। पूरे गृह में विवाह पंडाल लगाने का काम भी तेजी से हो रहा था। इसमें अधिकारी भी लगे हुए थे। कहां पर मंडप बनना है कहां पर स्टेज होगा इसे लेकर सतर्कता बरती जा रही थी।
जीवन का सुनहरा पल
संस्थाओं की महिलाओं ने भी हल्दी लगाकर संवासिनियों को आशीर्वाद दिया। बाकायदा यह विवाह पूरे रस्मों के साथ किया जा रहा है। खास बात यह कि जिन लड़कियों की शादी हो रही है उनके लिए यह सुनहरा पल है क्योंकि गृह में चहारदीवारी के बीच बीत रही उनकी जिंदगी अब आजाद होगी और उनका भी अपना परिवार होगा।
अधिकारियों ने भी निभाई रस्म
मंगलवार को भी लड़कियों को विवाह में दिए जाने वाले उपहारों की पैकिंग का काम किया जा रहा था। इस दौरान जिला प्रोबेशन अधिकारी प्रवीण त्रिपाठी, बाल संरक्षण अधिकारी निरुपमा सिंह भी लगे रहे। दोनों अधिकारियों ने हल्दी की रस्म पूरी क राई। साथ ही विवाह की तैयारियों का जायजा भी लिया।