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वाराणसी में कचरा से बनी खाद नहीं बिक रही, हजारों टन खाद प्लांट में ही डंप

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जब काशी के सांसद हुए तो इस प्लांट को संचालित करने की जिम्मेदारी एनटीपीसी को दी गई। अथक प्रयास के बाद प्लांट का संचालन किया गया। अनुबंध के मुताबिक नगर निगम प्लांट संचालन के लिए आर्थिक बोझ उठाने के साथ ही कचरा भेजने की जिम्मेदारी संभालता है।

By Abhishek SharmaEdited By: Published: Tue, 04 Jan 2022 11:23 AM (IST)Updated: Tue, 04 Jan 2022 11:23 AM (IST)
वाराणसी में कचरा से बनी खाद नहीं बिक रही, हजारों टन खाद प्लांट में ही डंप
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जब काशी के सांसद हुए तो इस प्लांट को संचालित करने की जिम्मेदारी एनटीपीसी को दी गई।

वाराणसी, जागरण संवाददाता। करसड़ा में कचरा प्रसंस्करण प्लांट की स्थापना नगर निगम ने जेएनएनयूआरएम (जवाहरलाल नेहरू अर्बन रिन्युअल मिशन) के फंड से की थी। उस वक्त प्रदेश में बसपा सरकार थी। बाद में सपा सरकार में हुई धांधली का शिकायत प्लांट निर्माण हो गया। फिर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी जब काशी के सांसद हुए तो इस प्लांट को संचालित करने की जिम्मेदारी एनटीपीसी को दी गई। अथक प्रयास के बाद प्लांट का संचालन किया गया। अनुबंध के मुताबिक नगर निगम प्लांट संचालन के लिए आर्थिक बोझ उठाने के साथ ही कचरा भेजने की जिम्मेदारी संभालता है।

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एनटीपीसी को प्लांट संचालन के साथ ही प्रसंस्करण के बाद बने खाद की बिक्री भी करनी है जिसमें वह असफल रहा है। अब तक हजारों टन खाद प्लांट के अंदर ही डंप है। क्षमता से अधिक कचरा पहुंचने पर उसे भी डंप किया जा रहा है। एनटीपीसी के अफसरों का दावा है कि तीन शिफ्ट में प्लांट का संचालन हो रहा है। इसके बाद भी शतप्रतिशत कचरा प्रसंस्करण नहीं हो रहा। ऐसे हालात में रमना में प्रस्तावित ग्रीन कोयला परियोजना के पूरी होने पर उम्मीद टिक गई है। ठोस अपशिष्ट को टोरिफाइड चारकोल  में बदलने के लिए एक संयंत्र स्थापित किया जा रहा है।

एनटीपीसी के अफसरों को खाद बिक्री की चिंता : चिंता तब हुई जब एनटीपीसी लिमिटेड के क्षेत्रीय कार्यकारी निदेशक (उत्तर) देबाशीष सेन ने निरीक्षण किया। कचरे से आर्गेनिक खाद निर्माण प्रक्रिया को देखा। प्लांट में डंप खाद को देख नाराजगी जाहिर की। प्लांट के अफसरों ने अवगत कराया कि किसान उसे खरीदने में रुझान नहीं दिखा रहे जिसको लेकर उन्होंने चिंता जाहिर की। खाद के शत प्रतिशत निस्तारण के लिए प्रचार-प्रसार कराने पर बल दिया। इसके लिए संबंधित एजेंसी को निर्देशित किया।

कचरे से बिजली भी बनती है भाई : अब तक नगर निगम के अफसर यही अवगत कराते रहे है कि करसड़ा प्लांट मेंं कचरे से सिर्फ खाद बनता है लेकिन वहां तो बिजली भी बनती है। प्लांट के अफसरों ने अवगत कराया कि 24 टन कचरे से बिजली बनाई जाती है।


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