Move to Jagran APP

वाराणसी में मनमानी कर रहे खाद व कीटनाशक विक्रेता, लॉकडाउन व डीजल ने घटाई किसानों के पसीने की कीमत

लॉकडाउन के बाद बदली हुई परिस्थितियों में धान की खेती पर महंगाई का तड़का दिख रहा है। कुछ जगहों पर यूरिया डीएपी का भाव ठीक है लेकिन कहीं दुकानदार मनमानी करते दिख रहे हैं।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Sat, 27 Jun 2020 02:25 PM (IST)Updated: Sat, 27 Jun 2020 05:15 PM (IST)
वाराणसी में मनमानी कर रहे खाद व कीटनाशक विक्रेता, लॉकडाउन व डीजल ने घटाई किसानों के पसीने की कीमत
वाराणसी में मनमानी कर रहे खाद व कीटनाशक विक्रेता, लॉकडाउन व डीजल ने घटाई किसानों के पसीने की कीमत

वाराणसी, जेएनएन। खरीफ की प्रमुख फसल धान की खेती का काम शुरू हो गया है। अच्छी बारिश की वजह से धान की रोपाई तेज हो गई है। किसानों को खेत में पर्याप्त नमी व कभी-कभी आसानी से पानी भी उपलब्ध हो जा रहा है। इससे उन्हें राहत तो है, लेकिन खाद व कीटनाशक विक्रेताओं की मनमानी से वे परेशान हैं। कोरोना, लॉकडाउन व डीजल के भाव ने किसानों के पसीने की कीमत घटा दी है। कोरोना के कारण लॉकडाउन के बाद बदली हुई परिस्थितियों में धान की खेती पर महंगाई का तड़का लगता दिख रहा है। कुछ जगहों पर यूरिया, डीएपी का भाव तो ठीक है, लेकिन कहीं-कहीं दुकानदार मनमानी करते दिख रहे हैं।

loksabha election banner

नलकूप वाले सिंचाई में 60 फीसद तक ले रहे महंगा दाम

बड़ागांव में पिछले वर्ष की तुलना में इस वर्ष डीएपी खाद में 50 रुपये की वृद्धि हुई है। हालांकि यूरिया आज भी पुराने भाव में बिक रही है। डीएपी का दाम 1150 रुपये है, लेकिन बाजार में दुकानदार 1180 रुपये प्रति बोरी बेच रहे हैं। यूरिया का रेट 266 रुपये बोरी है लेकिन 280 के रेट से बिक रहा है। विरधवलपुर के युवा किसान विजय वर्मा का कहना है कि निजी नलकूप वाले सिंचाई में 60 फीसद तक महंगा दाम ले रहे हैं। काशी विद्यापीठ ब्लाकक्षेत्र में डीएपी की कीमत में बढ़ोतरी की गई है। किसान बलदेव यादव, संजय पटेल, रामजस पटेल आदि का कहना है कि इस बार धान का निर्धारित मूल्य बढऩा चाहिए। सेवापुरी क्षेत्र में डीएपी 1150 व यूरिया 266 रुपये में बिक रही है लेकिन खुले बाजार में अधिक कीमत पर डीएपी व यूरिया मिल रही है। चौबेपुर क्षेत्र में डीएपी, यूरिया का दाम नहीं बढ़ा है। इस क्षेत्र में अभी धान की रोपाई भी शुरू नहीं हो पाई है। एक सप्ताह बाद धान की रोपाई शुरू होगी।

इस पर भी एक नजर

  • डीजल के दाम में बेतहासा वृद्धि होने के कारण सिंचाई और खेतों की जोताई पर लागत बढ़ गया है।
  • गांवों में आज भी मजदूरों की कोई कमी नहीं है इसलिए पुराने दर पर ही धान की रोपाई हो रही है।
  • खाद कीटनाशक व डीजल के भाव बढऩे के कारण किसानों की खेती की लागत बढ़ सकती है।
  • महंगाई की भरपाई सरकार द्वारा निर्धारित न्यूनतम मूल्य से नहीं किया जा सकता।
  • सरकार को चाहिए कि धान के न्यूनतम मूल्य में वृद्धि करे तभी किसान लाभान्वित होंगे।

खाद का मूल्य रुपये प्रति बोरी के अनुसार

खाद      मूल्य     बिक्री 

डीएपी    1150    1180

यूरिया     266     280


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.