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धोखाधड़ी व रिश्वत में फंसे प्रबंधक, हेडमास्टर पद के लिए साढ़े छह लाख रुपये की वसूली कर हुए फरार

नियुक्ति के नाम पर बेरोजगारों से लाखों रुपये वसूली का भी आरोप लगा है। इस संबंध अर्दली बाजार के निवासी इंद्र प्रकाश पांडेय ने संस्था के प्रबंधक प्रभात रंजन मिश्र के खिलाफ कैंट थाने में धोखाधड़ी व रिश्वत लेने के आरोप में मुकदमा भी दर्ज कराया है।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Mon, 12 Apr 2021 08:30 AM (IST)Updated: Mon, 12 Apr 2021 08:30 AM (IST)
धोखाधड़ी व रिश्वत में फंसे प्रबंधक, हेडमास्टर पद के लिए साढ़े छह लाख रुपये की वसूली कर हुए फरार
वाराणसी के कैंट थाने में धोखाधड़ी व रिश्वत लेने के आरोप में मुकदमा भी दर्ज कराया है।

वाराणसी, जेएनएन। खंडेश्वरी बाबा पूर्व माध्यमिक बालिका विद्यालय (मुस्तफाबाद-चांदपुर, चौबेपुर) पर बगैर जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी के अनुमोदन के मनमाने व फर्जी तरीके से शिक्षकों की नियुक्ति का विज्ञापन जारी करने का आरोप है। यही नहीं नियुक्ति के नाम पर बेरोजगारों से लाखों रुपये वसूली का भी आरोप लगा है। इस संबंध अर्दली बाजार के निवासी इंद्र प्रकाश पांडेय ने संस्था के प्रबंधक प्रभात रंजन मिश्र  के खिलाफ कैंट थाने में धोखाधड़ी व रिश्वत लेने के आरोप में मुकदमा भी दर्ज कराया है।

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इसमें उन्होंने संस्था के प्रबंधक पर नियुक्ति के नाम पर धोखा देने का आरोप लगाया है। इसमें कहा गया है कि मेरी पुत्रवधु सीमा मिश्रा एमए, बीएड हैं। अनुदानित विद्यालय होने के कारण नियुक्ति के लिए आवेदन कर दिया था। बाद में नियुक्ति के लिए साढ़े छह लाख रुपये की डिमांड की गई। पुत्रवधु ने तीन किश्तों में साढ़े छह लाख रुपये की रकम भी प्रबंधक को दे दी। पैसा देने के बाद विद्यालय की ओर से चार फरवरी 2019 को साक्षात्कार के लिए घर के पते पर पत्र भी आ गया। वहीं साक्षात्कार के दौरान पता चला कि विद्यालय में हेडमास्टर का कोई पद नहीं हैं। इसके बाद प्रबंधक फरार हो गए। काफी दबाव बनाने के बाद  डेढ़ लाख रुपये का चेक किया। वह भी बाउंस हो गया।

ऑपरेशन कायाकल्प में जनपद फिर टॉप पर

ऑपरेशन कायाकल्प के तहत जनपद के करीब 500 से अधिक परिषदीय विद्यालयों का परिवेश बदल चुका है। हाल में ही हुए सर्वे में वाराणसी जनपद एक बार फिर टॉप पर है। दूसरे नंबर पर लखीमपुर खीरी व तीसरे में इटावा है। 1.11 लाख यानी सूबे 86 फीसद से अधिक स्कूलों का सर्वे के आधार पर रिपोर्ट जारी किया गया है।

बीएसए राकेश सिंह ने बताया कि बेसिक शिक्षा विभाग के स्कूलों का इंफ्रास्ट्रक्चर काफी समृद्ध हो चुका है। सूबे में 61 फीसद विद्यालयोंब में भी सभी 14 पैरामीटर्स पर कार्य है। उसमें 75.83 फीसद वाराणसी के विद्यालय शामिल है। उन्होंने बताया कि इसके पीछे डीएम व सीडीओ की सक्रियता मुख्य कारण है।


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