महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ : विद्यार्थियों का बन रहा डाटा बैंक, आनलाइन क्लास से जोडऩे में होगी सुविधा
महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के तमाम छात्र अब तक आनलाइन क्लास से नहीं जुड़ सके हैं। इसे देखते हुए विद्यापीठ प्रशासन सभी पंजीकृत विद्यार्थियों को डेटा बैंक बना रहा है। इसमें विद्यार्थियों का नाम विभाग का नाम चयनित विषय मोबाइल नंबर शामिल हैं।
जागरण संवाददाता, वाराणसी : कोरोना महामारी को प्रकोप को देखते सभी शैक्षणिक संस्थाएं 30 जनवरी तक बंद है। सभी स्कूल-कालेजों को आनलाइन कक्षाएं संचालित करने का निर्देश है। वहीं महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के तमाम छात्र अब तक आनलाइन क्लास से नहीं जुड़ सके हैं। इसे देखते हुए विद्यापीठ प्रशासन सभी पंजीकृत विद्यार्थियों को डेटा बैंक बना रहा है। इसमें विद्यार्थियों का नाम, विभाग का नाम, चयनित विषय, मोबाइल नंबर शामिल हैं।
छात्रों का दावा है कि कोविड के कारण भौतिक रूप क्लास संचालित करने पर रोक लगा दी गई है। वहीं आनलाइन क्लास भी सुचारू रूप से नहीं चल रहा है। इस संबंध में गत दिनों छात्रों का प्रतिनिधिमंडल कुलसचिव से भी मिला था और उन्हें पत्रक सौंपा था। दूसरी ओर कुलसचिव डा. सुनीता पांडेय का दावा है कि आनलाइन क्लास जारी है। विभागाध्यक्षों के पास सभी विद्यार्थियों का मोबाइल नंबर नहीं हैं। इसके कारण कुछ अध्यापक ऐसे छात्रों आनलाइन क्लास से जोड़ नहीं पा रहे हैं। इसे देखते हुए दाखिले के आवेदन से विद्यार्थियों का डाटा बैंक तैयार कराया जा रहा है। विद्यार्थियों का विवरण जल्द ही विभागाध्यक्षों को सौंप दिया जाएगा ताकि वह विद्यार्थियों को आनलाइन क्लास के ग्रुप में जोड़ सके।
पर्यटन उद्योग में वर्तमान समय में चुनौतियां अधिक, भविष्य में है असीम संभावनाएं
राष्ट्रीय पर्यटन दिवस पर महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ के पर्यटन अध्ययन संस्थान में कोरोना महामारी में पर्यटन उद्योग के समक्ष चुनौतियां विषय पर संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कुलपति डा. आनंद कुमार त्यागी ने कहा कि वर्तमान समय में पर्यटन उद्योग के समक्ष चुनौतियां अधिक हैं। वहीं भविष्य में इसमें असीम संभावनाएं हैं। क्षेत्रीय पर्यटन अधिकारी कीर्तिमान श्रीवास्तव ने पर्यटन उद्योग के असीम संभावनाओं पर चर्चा करते हुए छात्र-छात्राओं को इस उद्योग में आगे बढ़ने के लिए प्रेरित किया। धार्मिक धरोहर को ध्यान में रखते हुए धार्मिक पर्यटन को बढ़ावा देने वाले स्वीकृत विभिन्न योजनाओं से अवगत कराया। हमारी धार्मिक धरोहर कहीं ना कहीं हमारी सामाजिक, भौगोलिक और आर्थिक पक्षों को भी अपने आप में समाहित करती हैं। प्रो.ओपी सिंह ने बनारस में घरेलू पर्यटन को बढ़ावा देने से संबंधित महत्वपूर्ण बिंदुओं पर प्रकाश डाला। डा.केके सिंह ने बनारस में पर्यटन व्यवसाय की अपार संभावनाओं की ओर सभी का ध्यान आकर्षित कराया। संचालन डा. ज्ञानती सिंह, स्वागत डा. निशा सिंह, धन्यवाद डा. किरन सिंह ने दिया। इसमें डा. नीरज धनकड़, डा. पवन सिंह, डा. अनिल कुमार, डा. मोनालिसा सिंह, डा. सतीश कुमार कुशवाहा, श्रवण सिंह, विक्रम सिंह ने सहभाग किया। -