महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ और डॉ. हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय चलाएंगे साझा प्रशिक्षण अभियान
राष्ट्रीय शिक्षा नीति मौजूदा चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए भारतीय संस्कृति के मूल्यों और परम्पराओं के अनुरूप जिस शिक्षा नीति की व्यापक पहुंच चाहती है उसके लिए महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ और डॉ. हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय ने साझा प्रशिक्षण अभियान सुनिश्चित किया है।
वाराणसी, जेएनएन। राष्ट्रीय शिक्षा नीति मौजूदा चुनौतियों को ध्यान में रखते हुए भारतीय संस्कृति के मूल्यों और परम्पराओं के अनुरूप जिस शिक्षा नीति की व्यापक पहुंच चाहती है, उसके लिए महात्मा गांधी काशी विद्यापीठ और डॉ. हरिसिंह गौर विश्वविद्यालय ने साझा प्रशिक्षण अभियान सुनिश्चित किया है। इस सिलसिले में दोनों विश्वविद्यालय सालभर तक विभिन्न कार्यशालाओं, संगोष्ठियों और अन्य अकादमिक कार्यक्रम आयोजित करेंगे।
इसमें काशी विद्यापीठ से सम्बद्ध महाविद्यालयों, सागर विश्वविद्यालय से सम्बद्ध संस्थानों समेत देश भर के इच्छुक उच्च शिक्षा में कार्यरत अध्यापक व अध्यापिकाओं को प्रशिक्षित किया जाएगा। संयोजक व विद्यापीठ यूजीसी इकाई के नोडल ऑफिसर प्रो. निरंजन सहाय ने बताया राष्ट्रीय शिक्षा नीति से सम्बन्धित अहम मुद्दों जैसे गुणवत्ता पूर्ण शिक्षा, संस्थागत पुनर्गठन और समेकन, समग्र और बहुविषयक शिक्षा, समता और समावेशी शिक्षा, भारतीय भाषाओं, कलाओं के पुनर्पाठ, बहुभाषिकता, जेंडर के सवाल और शिक्षा से सम्बन्धित अन्य मुद्दों पर व्यापक कार्यक्रम सम्पन्न होंगे। इन प्रशिक्षण कार्यक्रमों में पूरे भारत से विषय विशेषज्ञ अपनी भागीदारी सुनिश्चित करेंगे
जिससे एक गुणवत्तापूर्ण लक्ष्य हासिल किया जाएगा। अभियान के सह संयोजक डॉ. पारिजात सौरभ ने बताया कि इस सिलसिले में पहला प्रशिक्षण इसी माह 17 मार्च से 23 मार्च तक सम्पन्न होगा| इस प्रशिक्षण का विषय है, राष्ट्रीय शिक्षा नीति में शिक्षक की भूमिका, जागरुकता, उन्मुखीकरण, चुनौतियां एवं जवाबदेही। इस फैकल्टी डेवलॉप्मेंट प्रोग्राम को राष्ट्रीय शिक्षा नीति कार्यान्वयन समिति काशी विद्यापीठ और समाज विज्ञान शिक्षक प्रशिक्षण केन्द्र सागर विश्वविद्यालय ने साझे अभियान के रूप में सम्पन्न करने का निर्णय किया है।