Mahashivaratri 2021 : महाशिवरात्रि के मौके पर बाबा के भक्त देखेंगे काशी विश्वनाथ कॉरिडोर का बदलता स्वरूप
इस बार महाशिवरात्रि हर मायने में विशेष होती जा रही है। पहला कि तिथि विशेष पर दुलर्भ संयोग बन रहा है। तो वहीं देश के कोने-कोने से महाशिवरात्रि पर बाबा का झांकी दर्शन करने आने वाले भक्त पहली बार विश्वनाथ धाम का स्वरूप देखेंगे।
वाराणसी [सौरभ चंद्र पांडेय]। Mahashivaratri 2021 इस बार महाशिवरात्रि हर मायने में विशेष होती जा रही है। पहला कि तिथि विशेष पर दुलर्भ संयोग बन रहा है। तो वहीं देश के कोने-कोने से महाशिवरात्रि पर बाबा का झांकी दर्शन करने आने वाले भक्त पहली बार विश्वनाथ धाम का अक्स देखेंगे। अक्स देखने के बाद उसकी विशेषता को वह अपने गांव-जवार में प्रचारित करेंगे। पिछले वर्ष महाशिवरात्रि पर काशी आए श्रद्धालुओं को बाबा के आंगन में काफी तोड़-फोड़ देखने को मिला था। इंटरनेट मीडिया के माध्यम से भक्तों को केवल इतनी जानकारी थी कि पुराने भवनों को गिराकर यहां नया भवन बनाया जाएगा। इसके साथ ही मां गंगा के रास्ते को मंदिर से जोड़ा जाएगा। एक वर्ष में सत्तर फीसद काम पूरा होने के बाद इस बार जब भक्त बाबा के आंगन में हाजिरी लगाएंगे तो उनके सामने विश्वनाथ धाम का नया कलेवर वाला रूप सामने होगा।
इस बार ही कारिडोर की सहुलियत से परिचित होंगे भक्त
विश्वनाथ कारिडोर की महत्ता इस बार महाशिवरात्रि पर दर्शन करने के लिए आ रहे भक्त महसूसेंगे। पिछली बार तक उनको लंबी-लंबी लाइनों में कई घंटों तक इंतजार करना पड़ता था। इस बार यह नजारा कुछ बदला-बदला सा दिखाई देगा। भक्तों को मंदिर के अंदर होने वाली धक्का-मुक्की और जाम से मुक्ति मिलेगी। भक्तों को बाबा के दर्शन के लिए इंतजार भी नहीं करना होगा। कतारबद्ध भक्त निबार्ध रूप से बाबा का दर्शन करेंगे।
संकरी गलियों से इस बार मिलेगी मुक्ति
इस महाशिवरात्रि पर्व पर बाबा का दर्शन पाने वाले श्रद्धालुओं को संकरी गलियों से मुक्ति मिलेगी। इसके साथ ही भक्त विश्वनाथ धाम में पत्थरों को तराश कर की गई शानदार नक्काशी को भी देख सकेंगे। जो अपने आप में अद्भुत है। कारिडोर निर्माण पूरा होने के बाद काशी विश्वनाथ मंदिर की पूरी काया बदल जाएगी।
अगले वर्ष महाशिवरात्रि गंगा स्नान के बाद सीधे विश्वनाथ धाम में प्रवेश करेंगे भक्त
अगले वर्ष महाशिवरात्रि पर भक्त गंगा स्नान के बाद सीधे विश्वनाथ धाम में प्रवेश करेंगे। भक्तों के लिए मंदिर के चारों तरफ एक परिक्रमा मार्ग, गंगा घाट से मंदिर में प्रवेश करने पर बड़ा गेट, मंदिर चौक, 24 बिल्डिंग जिनमें गेस्ट हाउस, 3 यात्री सुविधा केंद्र, पर्यटक सुविधा केन्द्र, स्टाल, पुजारियों के रहने के लिए आवास, आश्रम, वैदिक केन्द्र, सिटी म्यूजियम, वाराणसी गैलरी, मुमुक्ष भवन बनाया जा रहा है। कारिडोर का निर्माण लाल पत्थर से हो रहा है। अगले वर्ष श्रद्धालु गंगा स्नान के बाद कारिडोर से सीधे मणिकर्णिका घाट, ललिता घाट और जलासेन घाट से काशी विश्वनाथ मंदिर में प्रवेश करेंगे।