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Azamgarh छेड़खानी मामले में महराजगंज थाना प्रभारी निलंबित, सात आरोपितों पर 25-25 हजार का इनाम

Azamgarh में छेड़खानी की घटना को मुख्‍यमंत्री ने शुक्रवार को संज्ञान में लिया और वहां के एसपी को फटकार लगाई जिसके बाद महराजगंज थाना प्रभारी को निलंबित कर दिया गया।

By Saurabh ChakravartyEdited By: Published: Fri, 12 Jun 2020 12:38 PM (IST)Updated: Fri, 12 Jun 2020 05:33 PM (IST)
Azamgarh छेड़खानी मामले में महराजगंज थाना प्रभारी निलंबित, सात आरोपितों पर 25-25 हजार का इनाम
Azamgarh छेड़खानी मामले में महराजगंज थाना प्रभारी निलंबित, सात आरोपितों पर 25-25 हजार का इनाम

आजमगढ़, जेएनएन। Azamgarh के महराजगंज क्षेत्र के सिकंदरपुर आइमा गांव में बीते बुधवार की देर शाम को छेड़खानी को लेकर एक अनुसूचित बस्ती के लोगों पर हुए हमले के मामले को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संज्ञान लिया। उन्‍होंने एसपी प्रो. त्रिवेणी सिंह को शुक्रवार की दोपहर फटकार लगाई। सीएम के सख्ती के बाद एसपी ने आनन-फानन में महराजगंज थाना के प्रभारी इंस्पेक्टर अरविंद पांडेय को निलंबित कर दिया। वहीं इस घटना में फरार चल रहे सात आरोपितों पर एसपी ने 25-25 हजार रुपये का इनाम घोषित करते हुए सभी आरोपितों के खिलाफ गैंगस्टर व एनएसए के तहत कार्रवाई का निर्देश दिया।

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ये है पूरा मामला

सिकंदरपुर आइमा गांव में अनुसूचित बस्ती के किशोरी के साथ गत बुधवार यानी 10 जून को दूसरे वर्ग के युवक ने छींटाकशी के साथ छेड़खानी की थी। इसी बात को लेकर उनमें विवाद हो गया था। विवाद के बाद वर्ग विशेष के लोगों ने अनुसूचित बस्ती पर लाठी-डंडा व धारदार हथियार से लैस होकर हमला बोल दिया था। इस हमले में दर्जन भर लोग घायल हो गए थे। पीड़ित पक्ष के विनोद की तहरीर पर पुलिस ने दूसरे पक्ष के परवेज, फैजान, नूर आलम, सदरे आलम, आरिफ, आमीर, आशीफ, अल्तमस, सुहेल के खिलाफ नामजद व दस अन्य अज्ञात के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर लिया था। पुलिस ने चार लोगों को हिरासत में भी ले लिया था।

जौनपुर की घटना को लेकर भी सीएम नाराज

जौनपुर जिला मुख्यालय से 25 किमी दूर सरायख्वाजा थाना क्षेत्र के भदेठी गांव में बीते मंगलवार की देर रात बच्चों के विवाद में वर्ग विशेष के लोगों द्वारा मारपीट व अनुसूचित बस्ती के लोगों का घर फूंकने की घटना को लेकर बीते गुरुवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गंभीरता से लेते हुए आरोपितों पर रासुका लगाने के साथ ही पीड़ितों को मुख्यमंत्री राहत कोष से दस लाख 26 हजार 450 रुपये देने का आदेश दिया था। साथ ही समाज कल्याण विभाग से भी पीड़ितों को बतौर मदद एक लाख रुपये की सहायता राशि देने का निर्देश दिया। बच्चों के विवाद में बड़ों के कूदने से मामला बिगड़ गया था। इससे दस घर व उसमें रखे सामान जलकर राख हो गए वहीं तीन बकरियों की झुलसकर मौत हो गई। मामले में अनुसूचित जाति बस्ती पर हमलाकर पिटाई, तोडफ़ोड़ व आगजनी के मामले में 58 नामजद व 100 अज्ञात आरोपितों के खिलाफ पुलिस ने मुकदमा दर्ज किया गया था। 


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